पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा मोबाइल पर पत्नी से बात करने के दौरान युवक ने उठा लिया बड़ा कदम, दो साल पहले किया था लव मैरिज BIHAR NEWS : पटना में DRI की बड़ी कार्रवाई, साधु वेश में वन्यजीव तस्करों का भंडाफोड़; करोड़ों के तेंदुए की खाल बरामद खगड़िया में तेजस्वी यादव की गाड़ी कीचड़ में फंसी, ट्रैक्टर की मदद से निकाला गया New Rail Bridge Bihar: बिहारवासियों को बड़ी खुशखबरी, इस दिन से शुरू होगा यह पुल; तीन जिले के लोगों को मिलेगा सीधा फायदा BIHAR NEWS : बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा : मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यमी योजना से अब तक 1.15 लाख से अधिक लाभुकों को मिला सहारा Bihar News: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच गयाजी में एक साथ बैठकर किया पिंडदान, विदेशी श्रद्धालुओं ने निभाई भारतीय परंपरा बिहार पुलिस मुख्यालय का बड़ा फैसला : "मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो" का गठन, 339 पदों को मिली मंजूरी; इनके पास होगा फुल पावर
07-Jun-2025 09:52 AM
By First Bihar
Starlink: एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत के दूरसंचार विभाग से सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए GMPCS लाइसेंस मिल गया है, जिससे रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के लिए चुनौतियां अब बढ़ गई हैं। सूत्रों के अनुसार, स्टारलिंक को यह मंजूरी मिल चुकी है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि बाकी है। अगले 15-20 दिनों में कंपनी को टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित होगा, जिसके बाद भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू हो सकती है। यह सेवा ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाएगी।
स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लाइसेंस पाने वाली तीसरी कंपनी है। इससे पहले, जियो के सहयोगी SES और एयरटेल की सहयोगी Eutelsat OneWeb को यह लाइसेंस मिल चुका है। स्टारलिंक की सेवा बांग्लादेश और भूटान में पहले से ही सक्रिय है, जो इसकी तकनीकी क्षमता को दर्शाती है।
जियो-एयरटेल के लिए चुनौती
स्टारलिंक की एंट्री से जियो और एयरटेल की OneWeb को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, खासकर ग्रामीण बाजार में। हालांकि, मस्क ने पहले जियो और एयरटेल के साथ किट और हार्डवेयर वितरण के लिए साझेदारी की बात कही थी, लेकिन इसकी स्थिति अस्पष्ट है। स्टारलिंक की वैश्विक पहुंच और कम लागत वाली सेवा मौजूदा टेलीकॉम दिग्गजों के लिए खतरा बन सकती है।
स्पेसएक्स की स्टारलिंक सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करती है, जो 4,000 से अधिक लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स पर आधारित है। यह सेवा उन क्षेत्रों में प्रभावी होगी जहां मोबाइल टावर या ब्रॉडबैंड पहुंचना मुश्किल है, जैसे बिहार के सुदूर गांव, पहाड़ी इलाके, या आपदा प्रभावित क्षेत्र। उपयोगकर्ताओं को केवल एक डिश एंटीना और सब्सक्रिप्शन की जरूरत होगी। ग्लोबल डेटा के अनुसार, स्टारलिंक 50-200 Mbps की स्पीड दे सकती है, जो ग्रामीण भारत के लिए क्रांतिकारी होगा।
स्टारलिंक की सेवा डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देगी, खासकर शिक्षा, टेलीमेडिसिन, और ई-कॉमर्स में। हालांकि, इसकी कीमत और साझेदारी मॉडल पर स्पष्टता अभी बाकी है। मस्क के इस कदम के के चलते जियो और एयरटेल को अपनी रणनीति में बदलाव भी करना पड़ सकता है, उन्हें न चाहते हुए भी सस्ते प्लान या हाइब्रिड सैटेलाइट-फाइबर मॉडल पर काम करना होगा।