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10-May-2025 05:31 PM
By FIRST BIHAR
Monsoon 2025 Update: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल तट से टकरा सकता है, जबकि सामान्यत: यह 1 जून को केरल पहुंचता है। अगर ऐसा होता है, तो यह 16 वर्षों में पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी आएगा। इससे पहले 2009 में 23 मई, 2018 में 29 मई और 2024 में 30 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी।
IMD के मुताबिक, 1 जून को केरल में दस्तक देने के बाद मानसून धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता है और 8 जुलाई तक अधिकांश राज्यों को कवर कर लेता है। इसके बाद यह 17 सितंबर के आसपास राजस्थान के रास्ते वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक मानसून सीजन समाप्त हो जाता है। अर्थ एंड साइंस मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने जानकारी दी कि जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। इस 4 महीने के मानसून सीजन में औसतन 87 सेंटीमीटर की तुलना में 105% तक वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, 96% से 104% बारिश को सामान्य माना जाता है, 90% से कम को बहुत कम, 90-95% को सामान्य से कम, 104-110% को सामान्य से ज्यादा और 110% से अधिक को बहुत ज्यादा बारिश की श्रेणी में रखा जाता है।
IMD के एक अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि देश भर में होने वाली कुल बारिश और मानसून के आगमन की तारीख के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता। केरल में मानसून जल्दी या देर से आने का अर्थ यह नहीं है कि देश के बाकी हिस्सों में भी उसी तरह असर पड़ेगा।
IMD ने 9 मई को जानकारी दी थी कि 13 मई के आसपास मानसून के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है। हालांकि, भारत में मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा तब की जाती है जब वह केरल में प्रवेश करता है। पिछले 5 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो देखा गया है कि मानसून सीजन में वर्षा को लेकर केंद्रीय मौसम एजेंसी IMD और निजी एजेंसी स्काईमेट के अनुमान अधिकतर सटीक रहे हैं।