ब्रेकिंग न्यूज़

बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार

बिना अनुमति के मस्जिद में नमाज के दौरान किया लाउडस्पीकर का इस्तेमाल, मौलवी पर हो गया केस दर्ज

रविवार को मौलवी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जहानाबाद के थानाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि थाने में तैनात उपनिरीक्षक वरुण की ओर से मौलवी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।

UTTAR PRADESH

02-Mar-2025 05:30 PM

By First Bihar

UP: उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर को लेकर प्रशासन की सख्ती लगातार देखने को मिल रही है। अदालतों और सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई हो रही है, और पीलीभीत का यह मामला इसी दिशा में एक उदाहरण है। दरअसल उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक मौलवी पर केस दर्ज किया गया है। यह केस लाउडस्पीकर के इस्तेमाल करने को लेकर दर्ज किया गया है। जहानाबाद थाना क्षेत्र में एक मस्जिद में बिना प्रशासन की अनुमति के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने का आरोप है। 


रविवार को मौलवी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जहानाबाद के थानाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि थाने में तैनात उपनिरीक्षक वरुण की ओर से मौलवी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। पुलिस कर्मी ने बताया कि शनिवार दोपहर काजीटोला स्थित एक मस्जिद में नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा था। जबकि मौलवी अशफाक को 25 फरवरी को ही उच्चतम न्यायालय और शासन के आदेशों से अवगत करा दिया गया था। लेकिन उन्होंने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया। 


मस्जिद के मौलवी अशफाक 28 फरवरी की शाम को भी नमाज एवं अजान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बिना अनुमति के कर रहे थे। उस वक्त माध्यमिक शिक्षा परिषद और अन्य बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षाएं चल रही थी। लाउडस्पीकर की तेज आवाज से परीक्षार्थियों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को परेशानी होती है। 


यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता और कानून व्यवस्था के संतुलन से जुड़ा है। जहां एक ओर किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउड स्पीकर (ध्वनि विस्तारक यंत्रों ) के इस्तेमाल के लिए प्रशासनिक अनुमति आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर यह भी जरूरी है कि धार्मिक गतिविधियों पर प्रशासनिक कार्रवाई को निष्पक्षता और समानता के साथ लागू किया जाए।


अक्सर देखा गया है कि लाउडस्पीकर को लेकर विवाद तब बढ़ता है जब यह आदेश केवल एक पक्ष पर लागू होता दिखाई देता है। अगर प्रशासन परीक्षा और बीमार लोगों को शोर से बचाने के लिए नियम लागू कर रहा है, तो इसे सभी धर्मों और सार्वजनिक आयोजनों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस मामले में कानून का पालन जरूरी है, लेकिन प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्रवाई किसी विशेष धार्मिक समुदाय को लक्षित न लगे। इससे सामुदायिक सौहार्द बना रहेगा और कानून का सम्मान भी होगा।