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02-Jul-2025 02:18 PM
By First Bihar
GST Slab Change: मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप के लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ी राहत की तैयारी की जा रही है। जीएसटी (GST) के टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव संभव है, जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ कम हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार 12% वाले जीएसटी स्लैब को कम करके 5% करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
जानकारी के अनुसार, सरकार खासतौर पर उन उत्पादों पर टैक्स कम करने की योजना बना रही है जो मिडिल और लोअर इनकम ग्रुप्स द्वारा रोजाना उपयोग किए जाते हैं। इन उत्पादों को या तो 5% टैक्स स्लैब में ट्रांसफर किया जा सकता है या 12% स्लैब को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।
अगर प्रस्ताव पर मुहर लगती है, तो जिन उत्पादों पर फिलहाल 12% जीएसटी लगता है, उसमें जूते-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, मिठाई, साबुन और टूथपेस्ट, डेयरी प्रोडक्ट्स (पैक्ड), पनीर, पास्ता, जैम, नमकीन, पैकेज्ड फ्रूट जूस, सूखे मेवे, खजूर, छाते, टोपी, साइकिल, लकड़ी के फर्नीचर, पेंसिल, जूट या कपड़े के हैंडबैग और शॉपिंग बैग शामिल हैं। इन सभी की कीमतों में सीधी गिरावट आ सकती है।
सूत्रों के अनुसार, GST काउंसिल की 56वीं बैठक जुलाई के अंत तक बुलाई जा सकती है, जिसमें इस प्रस्ताव पर चर्चा और फैसला संभव है। यह काउंसिल केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलकर बनी होती है और टैक्स स्लैब में बदलाव इसी मंच पर तय किए जाते हैं।
वर्तमान में भारत में कुल 4 टैक्स स्लैब में 5% (मूलभूत आवश्यक वस्तुएं) 12%, 18%, 28% (लग्ज़री या हानिकारक वस्तुएं) हैं। वहीं, 12% वाले स्लैब में ही अधिकांश "मिड क्लास" प्रोडक्ट्स आते हैं। यही वजह है कि इस स्लैब को हटाकर 5% में समाहित करने से आम जनता को बड़ा सीधा फायदा मिलेगा।
मार्च 2025 में एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट संकेत दिया था कि सरकार GST स्लैब्स को तर्कसंगत (rationalize) करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद टैक्स रेट में राहत दी जाएगी। अब उसी दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो यह महंगाई से जूझ रही जनता के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हो सकता है। वहीं सरकार के लिए यह 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले मिडिल क्लास को साधने की रणनीति भी हो सकती है।