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14-Aug-2025 03:04 PM
By First Bihar
DESK: बिहार में 9 साल से पूर्ण शराबबंदी है, बिहार में शराब पीना और बेचना दोनों सख्त मना है। लेकिन इसके बावजूद लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं। शराब को ही घर पर मंगवा लेते हैं। इसे लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। बिहार के शराबबंदी पर अक्सर सवाल उठाते रहते हैं। लेकिन अब बिहार के शराबबंदी कानून की नकल दूसरे राज्य कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के कई गांवों में शराबबंदी लागू की गयी है। सामाजिक सुधार की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इस पहल ने न केवल राजनांदगांव जिले में नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर नई उम्मीदें जगाई हैं। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि बिहार की तरह छत्तीसगढ़ में भी पूर्ण शराबबंदी लागू हो सकती है।
अभी सिर्फ एक जिले के कई गांवों में शराबबंदी लागू की गयी है। यह शराबबंदी सामाजिक स्तर पर की गयी है। जिससे सरकार और प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है। ग्रामीणों की इस पहल की तारीफ हो रही है। शराबबंदी आरला, मोखला और भरेगांव गांव में लोगों ने शुरू की। जिन्हे देखते हुए अब सुरगी, माथलडबरी और मोहड़ सहित आस-पास के कई गांवों के लोगों ने भी अपने-अपने गांव में शराबबंदी लागू किया है। गांव में बिगड़ते माहौल को देखते हुए ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है।
यहां के लोगों का कहना है कि शराब के चलते गांव का माहौल खराब हो रहा है। शराब के नशे में लोग हंगामा, मारपीट और गालीगलौज करते रहते हैं। जिससे आमलोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शराबबंदी का फैसला सामाजिक स्तर पर लिया गया है। गांव में शराब पीना और बेचना दोनों मना किया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति ऐसा करते पकड़ा जाता है कि सामाजिक स्तर पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए गांवों में जगह-जगह बैनर और पोस्टर लगाया गया है।
जिसमें यह लिखा गया है कि पूर्ण शराब बंदी ग्राम या बाहरी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जगह पर शराब पीने पर 10 हजार रूपये का आर्थिक जुर्माना देना होगा व कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आदेशानुसार-ग्राम प्रबंधन समिति एवं समस्त ग्रामवासी। खपरी दरबार गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पूर्ण शराबबंदी के फैसले का मुख्य उद्धेश्य गांव को नशामुक्त और महिलाओं और बच्चों को शराब के दुष्प्रभावों से बचाना है।
खपरी दरबार गांव में यदि कोई इस नियम को तोड़ता है तब उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं यदि अवैध शराब की सूचना कोई देता है तो उसे 5000 रुपये का इनाम दिया जाएगा और यदि कोई बार-बार नियम तोड़ता है तो उसे सामाजिक रूप से बहिष्कार किया जाएगा। इन गांवों के लोगों ने मिलकर पूर्ण शराबबंदी का फैसला लिया है। ग्रामीणों के इस फैसले से कोई खुश है तो कई नाखूश लेकिन अब यह फैसला सभी को मानना होगा। शराबबंदी का मजाक बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।