Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
29-Jan-2025 11:51 AM
By KHUSHBOO GUPTA
Maharashtra News: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में जिला अस्पताल में जांच के लिए आई गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के पेट में भ्रूण होने का पता चला है। इस गर्भावस्था को मेडिकल भाषा में (Fetus in feto) कहा जाता है। महिला को इस बात का पता सोनोग्राफी रिपोर्ट से चला। यह मामला तब सामने आया जब तीन दिन पहले बुलढाणा जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए एक गर्भवती महिला आई। जब डॉक्टर ने महिला की सोनोग्राफी की तो बच्चे के गर्भ में भ्रूण साफ दिखाई दे रहा था।
जिले के मोताला तहसील से आई 32 वर्षीय गर्भवती महिला की सोनोग्राफी के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के पेट में भी एक भ्रूण मौजूद है। डॉक्टर प्रसाद अग्रवाल ने सोनोग्राफी करते समय इस असामान्य स्थिति को देखा, जिसके बाद उन्होंने दोबारा जांच की और अपने वरिष्ठ डॉक्टरों को जानकारी दी। महिला को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए तुरंत उसे संभाजीनगर रेफर कर दिया गया। महिला को पहले से 2 बच्चे हैं।
आपको बता दें कि मेडिकल में इस स्थिति को Fetus in Feto कहा जाता है, जो बेहद दुर्लभ मामला है। डॉक्टर के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक ऐसे लगभग 200 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से भारत में केवल 15 से 20 ही दर्ज हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मां को कोई खतरा नहीं होगा, लेकिन नवजात के लिए जल्द से जल्द इलाज जरूरी होगा ताकि उसकी सामान्य वृद्धि प्रभावित न हो।