ARRAH: समाजसेवी अजय सिंह ने बखोरापुर में मनाया जन्मदिन, खिलाड़ियों और छात्रों को किया सम्मानित डोमिसाइल नीति पर तेजस्वी यादव और आरजेडी की दोहरी सोच बेनकाब: ऋतुराज सिन्हा भाजपा को चाहिए सिर्फ आपका वोट, सीवान में बोले मुकेश सहनी..आपकी तकलीफों से बीजेपी कोई लेना-देना नहीं How to Become Pilot: 12वीं के बाद पायलट बनने का सपना करें पूरा, जानें... कौन सा कोर्स है जरूरी Bihar News: 19 जून को इस जिले में लगेगा रोजगार कैंप, 8वीं पास से लेकर ITI वालों तक के लिए नौकरी Bihar News: शराब मामले में गिरफ्तार महादलित युवक की जेल में मौत, परिजनों का हंगामा Ahmedabad Plane Crash: कौन है 17 वर्षीय नाबालिग, जो विमान हादसे का बना गवाह? पुलिस ने की पूछताछ Bihar Election: NDA में शाह-मात का खेल तेज, नीतीश के मास्टरस्ट्रोक से खतरे में चिराग की पसंदीदा सीटें Bihar News: भूमि अधिग्रहण में मूल्य निर्धारण के लिए नई व्यवस्था, MVR को लेकर जारी हुआ यह निर्देश Bihar Crime News: 22 वर्षीय मूक-बधिर मजदूर की गोली मारकर हत्या, बदमाश फरार
29-Jan-2025 01:03 PM
By KHUSHBOO GUPTA
Mahakumbh 2025: मुजफ्फरनगर के रहने वाले 65 साल के चौधरी सुदेश पाल लोगों के लिए मिसाल बन रहे हैं। लोग उन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहकर बुला रहे हैं। दरअसल वो अपनी मां को महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान कराने के लिए बैलगाड़ी पर बिठाकर उसे खुद खींच रहे हैं। बुलंदशहर में नेशनल हाईवे 34 से वो अपनी मां को हाथ से गाड़ी खींचकर महाकुंभ प्रयागराज ले जा रहे हैं। बैलगाड़ी खींचने वाले सुदेश खुद 65 साल के हैं और गाड़ी में उनकी 92 साल की बुजुर्ग मां बैठी हुई हैं। बुजुर्ग चौधरी सुदेश पाल मालिक ने मुजफ्फरनगर से यात्रा शुरू की है। वह पैदल बैलगाड़ी से अपनी 92 साल की बुजुर्ग मां को महाकुंभ प्रयागराज में स्नान करने के लिए ले जा रहे हैं। महाकुंभ में वह अपनी मां को आस्था की डुबकी लगवाएंगे।
सुदेश पाल मलिक ने बताया कि उनकी यह यात्रा 13 दिन में पूरी होगी। वो हर रोज 50 किमी की दूरी तय कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 25 साल पहले उनके घुटने खराब हो गए थे, जिसके बाद वो मां की सेवा किया करते थे। उनका कहा है कि मां और भगवान के आशीर्वाद से उनके पैर के घुटने ठीक हो गए। जबकि डॉक्टरों ने उनके घुटने को लाइलाज घोषित कर दिया था। सुदेश बताते हैं कि घुटने ठीक करने के लिए उन्होंने कोई दवा नहीं खाई। उन्होंने बताया कि मां के चरणों में सेवा कर आशीर्वाद लिया, इसके बाद वह अपने पैरों पर चल सके।
आपको बता दें कि इससे पहले भी वह अपनी मां को हरिद्वार से अपने कंधों पर लेकर मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं। अब उन्होंने महाकुंभ में अपनी मां को आस्था की डुबकी लगवाने का प्रण लिया है। उनकी यह पैदल यात्रा 50 से 60 किलोमीटर प्रतिदिन की हो रही है। पैदल गाड़ी में बिठाकर वो अपनी मां को महाकुंभ ले जा रहे हैं।