ब्रेकिंग न्यूज़

जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं

2500 रूपये घूस लेने वाले अमीन को निगरानी कोर्ट ने दोषी ठहराया, 13 साल बाद मिली यह सजा

500 रूपये के हिसाब से 5 खतियान का नकल निकालने के लिए 2500 रूपये घूस लेने वाले अमीन को निगरानी की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया है। 13 साल बाद कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। मामला रोहतास के डेहरी चकबंदी कार्यालय के तत्कालीन अमीन रामकृष्ण मिश्र से जुड़ा है।

BIHAR

30-Jan-2025 07:30 PM

By First Bihar

bihar crime: रोहतास के डेहरी चकबंदी कार्यालय के तत्कालीन अमीन रामकृष्ण मिश्र को 2500 रुपये रिश्वत लेने के मामले में निगरानी की विशेष कोर्ट ने आज दोषी ठहराया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 के तहत 6 महीने सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये आर्थिक जुर्माना और धारा-13 में एक साल की सजा और 5 हजार अर्थदंड लगाया गया है। ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी। 


मामला 6 जून 2011 का है जब रोहतास के डेहरी चकबंदी कार्यालय में पदस्थापित अमीन रामकृष्ण मिश्र ने मदन सिंह से खतियान की नकल निकालने के लिए पैसे की मांग की थी। रामकृष्ण मिश्र ने परिवादी मदन सिंह से  5 खतियान के नकल के लिए 500 रुपये के हिसाब से 2500 रुपये घूस मांगा था। तब मदन सिंह ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी। जिसके बाद निगरानी की टीम ने घूस लेते अमीन रामकृष्ण मिश्र को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसी मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए निगरानी की विशेष कोर्ट ने 13 साल बाद फैसला सुनाया। 


इस मामले का अनुसंधान विश्वनाथ प्रसाद, पुलिस निरीक्षक द्वारा करते हुए ससमय आरोप-पत्र दायर किया गया। बिहार सरकार की ओर से किशोर कुमार सिंह, प्रभारी विशेष लोक अभियोजक (निगरानी ट्रैप) ने प्रभावी तरीके से पैरवी की और आरोपी को दोष सिद्ध कराने में सफलता हासिल की। विदित हो कि पूर्व में दिनांक-15.01.25 को राजनंदन कुमार श्यामला, प्रशाखा पदाधिकारी, कृषि विभाग, न्यू सचिवालय, पटना और दिनांक-21.01.2025 को राजाराम सिंह, अमीन, राजगीर अंचल, नालंदा को भी निगरानी न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया था।


इस प्रकार वर्ष 2025 का यह तीसरा केस है जिसमें माननीय न्यायालय, निगरानी पटना मो० रूस्तम द्वारा अभियुक्त को दोषी ठहराया गया है। यदि आपसे भी कोई सरकारी काम करने के एवज में पैसे की डिमांड करता है तो घबराइये नहीं तुरंत पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के दफ्तर में उपस्थित होकर इस बात की शिकायत दर्ज करायें या फिर इन नंबरों पर सम्पर्क करें।

लैंडलाइन नंबरः 0612-2215033, 0612-2215030, 0612-2215032, 0612-2215036, 0612-2215037, 0612-2999752

हेल्पलाइन नंबरः 0612-2215344

मोबाइल नम्बरः 7765953261