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02-Feb-2025 07:37 AM
By First Bihar
Union Budget 2025: देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को आठवां केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। वित्त मंत्री के रूप में उनका यह आठवां बजट होने जा रहा है, लेकिन भारतीय इतिहास में कुछ मंत्री ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें यह अवसर प्राप्त नहीं हुआ। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कौन-कौन से मंत्री बजट पेश नहीं कर पाए और इसके पीछे की वजह क्या थी, साथ ही बजट से जुड़ी अन्य दिलचस्प जानकारियां भी।
वित्त मंत्री एचएन बहुगुणा और केसी नेओगी ने क्यों नहीं पेश किया बजट?
स्वतंत्र भारत के इतिहास में दो ऐसे वित्त मंत्री रहे हैं जिन्हें बजट पेश करने का अवसर नहीं मिल पाया। ये थे:
एचएन बहुगुणा – एचएन बहुगुणा ने 1979-80 में महज साढ़े पांच महीने के लिए वित्त मंत्री का पद संभाला था। उनका कार्यकाल बहुत छोटा था, जिसके कारण उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिला।
केसी नेओगी – केसी नेओगी ने 35 दिनों के लिए वित्त मंत्री का पद संभाला और इस बहुत छोटे कार्यकाल के कारण वे भी केंद्रीय बजट पेश करने के अवसर से वंचित रहे।
यहां पर यह समझना जरूरी है कि किसी भी वित्त मंत्री को बजट पेश करने का अवसर तब मिलता है जब वे अपने कार्यकाल के दौरान संसद का समक्ष बजट पेश करने का समय प्राप्त करते हैं। इन दोनों वित्त मंत्रियों के पास कम समय होने के कारण, वे बजट भाषण नहीं दे सके।
भारत में बजट के ऐतिहासिक घटनाक्रम:
भारत का पहला बजट: स्वतंत्रता के बाद, 28 फरवरी 1948 को भारत का पहला वार्षिक बजट आर के शंमुकहम चेट्टी ने पेश किया था।
भारत का पहला बजट भाषण: भारत के पहले वित्त मंत्री, जॉन मथाई, ने 1950 में बजट पेश किया था। हालांकि, इस बजट के सामने आने से पहले ही यह लीक हो गया था, जिसके बाद जॉन मथाई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह घटना भारतीय बजट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
सबसे लंबा बजट भाषण: डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में 18,604 शब्दों का बजट भाषण दिया था, जो आज भी सबसे लंबा बजट भाषण है।
बजट का समय बदलना: 1999 तक, भारत में बजट का ऐलान फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5 बजे किया जाता था। लेकिन, अटल बिहारी वाजपेई सरकार के दौरान यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने का समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया।
भारत के बजट के इतिहास में बहुत से बदलाव और घटनाएं घटित हुई हैं, जिनसे वित्तीय प्रणाली के विकास का पता चलता है। केंद्रीय बजट के दौरान महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाता है, जो देश के आर्थिक भविष्य को प्रभावित करते हैं। इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने आठवें बजट में नीतिगत बदलाव और वित्तीय योजना का विस्तार करेंगी।