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16-Apr-2025 02:48 PM
By First Bihar
Success Story: कभी कभी कोई ऐसा काम कर देता जो उदहारण बन जाता है। ऐसे ही उदहारण और सफलता की मिसाल बनी है बिहार की बेटी आकांक्षा आनंद। इन्होंने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बिना कोचिंग के भी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) आईएएस जैसी कठिन परीक्षा को क्रैक किया जा सकता है? आकांक्षा की सफलता की कहानी न केवल एक परीक्षा की जीत है बल्कि यह संघर्ष, समर्पण और कठिन मेहनत की मिसाल है।
बिहार की बेटी, 2023 बैच की IAS अधिकारी, डॉ. आकांक्षा आनंद ने दूसरे प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर 205वीं रैंक हासिल की। उनकी सफलता की कहानी न केवल शिक्षा और करियर की जीत है, बल्कि यह संकल्प, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत की भी मिसाल है।
साधारण परिवार, असाधारण सपना
आकांक्षा का जन्म बिहार के पटना शहर में हुआ। उनके पिता स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क हैं और माँ एक शिक्षिका हैं। आर्थिक रूप से सीमित संसाधनों के बावजूद, आकांक्षा ने कभी भी अपने सपनों को छोटा नहीं किया। उनके परिवार ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी और यही सोच उन्हें IAS बनने के मार्ग पर ले गई।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और गोल्ड मेडल
आकांक्षा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई पटना वेटरनरी कॉलेज से पूरी की और गोल्ड मेडल भी हासिल किया। कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें UPSC की परीक्षा पास कर सिविल सेवा में जाना है।
बिना कोचिंग के UPSC की तैयारी
जहां अधिकांश अभ्यर्थी कोचिंग संस्थानों पर निर्भर रहते हैं, वहीं आकांक्षा ने स्व-अध्ययन (self-study) को अपना हथियार बनाया। उन्होंने यूट्यूब वीडियोज, ऑनलाइन टॉपर्स इंटरव्यू, और सरकारी वेबसाइट्स से नोट्स तैयार किए। उन्होंने NCERT किताबों, सरकारी रिपोर्ट्स, PIB, और द हिंदू जैसे अखबारों से गहराई से अध्ययन किया।
पहले प्रयास में असफलता, दूसरे प्रयास में सफलता
पहले प्रयास में वह प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा, रणनीति बदली और आत्मविश्वास बनाए रखा। दूसरे प्रयास के दौरान ही उनकी नियुक्ति वेटरनरी ऑफिसर के रूप में हो गई और पोस्टिंग सीतामढ़ी जिले में मिली। उनकी UPSC इंटरव्यू की तारीख और सरकारी जॉइनिंग लगभग एक ही समय पर थीं – लेकिन उन्होंने दोनों जिम्मेदारियों को शानदार ढंग से निभाया।
अन्य अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा
आकांक्षा का मानना है कि UPSC परीक्षा 'स्मार्ट स्टडी + कंसिस्टेंसी' से पास की जा सकती है। उनका कहना है कि "हर किसी का संघर्ष अलग होता है, लेकिन अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं और नियमित रूप से मेहनत करते हैं, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।" आज डॉ. आकांक्षा आनंद उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। अगर प्रयास सही दिशा में किया जाए तो यह मुमकिन हो जाता है और यह साबित किया है