भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब
10-Mar-2025 10:57 PM
By First Bihar
Success Story: औरंगाबाद की रहने वाली होनहार बिटिया ने अपने पिता के सपने को पूरा कर दिया. बेटी ने जीवन के सबसे कठिन दौर में भी हार नहीं मानी. उसने साबित कर दिया कि परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता. औरंगाबाद जिले की रहने वाली दिव्या कुमारी ने पहले ही प्रयास में ही बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता में सफलता हासिल कर जज बन कर दिखा दिया. हालांकि, उनकी इस सफलता के पीछे बड़ा संघर्ष है.
बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता में सफलता हासिल कर जज बनने वाली दिव्या के पिता स्व.विजय सिंह का सपना था कि उनकी बेटी जज बने.इसी बीच 2021 में कोरोना काल में उनका निधन हो गया. पिता को खोने के बाद दिव्या पूरी तरह से टूट गईं, फिर भी हार नहीं मानी. दिव्या ने खुद से वादा किया कि वह अपने पिता के सपने को हर हाल में पूरा करेंगी. इस सफर में उन्हें उनके परिवार, खासकर उनकी मां का पूरा सहयोग और प्रोत्साहन मिला. मां ने हर कठिन परिस्थिति में दिव्या को संभाला, उन्हें हिम्मत दी और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. दिव्या पांच बहनों और एक भाई के बीच पली-बढ़ी हैं. उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है.
दिव्या ने खुद से वादा किया कि वह अपने पिता के सपने को हर हाल में पूरा करेंगी. इस सफर में उन्हें उनके परिवार, खासकर उनकी मां का पूरा सहयोग और प्रोत्साहन मिला. मां ने हर कठिन परिस्थिति में दिव्या को संभाला, उन्हें हिम्मत दी और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. दिव्या पांच बहनों और एक भाई के बीच पली-बढ़ी हैं. उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है.
दिव्या ने मीडिया से बातचीत करते हुए ये बताया था कि BPSC PCS (J) की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सोशल मीडिया से कुछ दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि यह कई बार ध्यान भटकाने का कारण बन सकता है. प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के दौरान सिलेबस पर केंद्रित रहना आवश्यक है, क्योंकि अधिकतर प्रश्न उसी से संबंधित होते हैं. यदि आप जज बनना चाहते हैं, तो LLB की पढ़ाई के दौरान ही गंभीरता से तैयारी शुरू कर दें.