Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब Bihar News: बिहार के एक SDO को नहीं मिली राहत, DM की रिपोर्ट पर मिली थी सजा Cricket News: “युवराज उसे क्रिस गेल बना देगा”, अर्जुन तेंदुलकर पर योगराज सिंह का बड़ा बयान, फैंस बोले “चाचा, वो गेंदबाज है” Bihar News: पुलिस के खिलाफ DM का बड़ा एक्शन, 39 थानेदारों की सैलरी रोकी; जानिए.. क्या है वजह? Bihar News: पुलिस के खिलाफ DM का बड़ा एक्शन, 39 थानेदारों की सैलरी रोकी; जानिए.. क्या है वजह? पहलगाम हमले के आतंकवादियों पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कहा..ये कुत्ते कमीने नाम और मजहब पूछकर निर्दोष लोगों को मार रहे थे Pahalgam Terror Attack: भारत में रिलीज नहीं होगी पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म, पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला Premanand Maharaj on Pahalgam Attack: पहलगाम हमले पर बोले प्रेमानंद महाराज, बताया आतंकियों के साथ क्या करना चाहिए?
03-Mar-2025 08:31 AM
By First Bihar
कुछ लोग असाधारण मेहनत और दृढ़ निश्चय से कम उम्र में ही ऐसी उपलब्धियां हासिल कर लेते हैं, जो लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन जाती है। ईश्वर्या रामनाथन उन्हीं में से एक हैं। महज 24 साल की उम्र में उन्होंने दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा किया।
तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले की रहने वाली ईश्वर्या का बचपन मुश्किलों से भरा रहा। उन्होंने बाढ़, चक्रवात और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं को बेहद करीब से देखा। साल 2004 में आई सुनामी का उनके जीवन पर गहरा असर पड़ा। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर गगनदीप सिंह बेदी के राहत कार्यों को देखा, जिसने उन्हें सिविल सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। ईश्वर्या के परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद साधारण थी। उनके पिता आर. रामनाथन काजू की खेती करते थे, जबकि मां ने कम उम्र में शादी होने के बावजूद सरकारी नौकरी कर ली.
ईश्वर्या ने 2017 में चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। अपने पहले प्रयास में ही उन्होंने 630वीं रैंक हासिल कर रेलवे अकाउंट्स सर्विस में नौकरी पा ली। लेकिन उनका असली सपना आईएएस बनना था। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर दोबारा परीक्षा देने का फैसला किया।
2019 में अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 47वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि यह सिर्फ करियर का विकल्प नहीं था, बल्कि बचपन से देखा गया सपना था। इस सफर में उनकी मां ने हर कदम पर उनका साथ दिया।
फिलहाल, ईश्वर्या तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में सब-कलेक्टर और एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। उनकी कहानी उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों और लक्ष्य स्पष्ट हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।