Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब Bihar News: बिहार के एक SDO को नहीं मिली राहत, DM की रिपोर्ट पर मिली थी सजा Cricket News: “युवराज उसे क्रिस गेल बना देगा”, अर्जुन तेंदुलकर पर योगराज सिंह का बड़ा बयान, फैंस बोले “चाचा, वो गेंदबाज है” Bihar News: पुलिस के खिलाफ DM का बड़ा एक्शन, 39 थानेदारों की सैलरी रोकी; जानिए.. क्या है वजह? Bihar News: पुलिस के खिलाफ DM का बड़ा एक्शन, 39 थानेदारों की सैलरी रोकी; जानिए.. क्या है वजह? पहलगाम हमले के आतंकवादियों पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कहा..ये कुत्ते कमीने नाम और मजहब पूछकर निर्दोष लोगों को मार रहे थे Pahalgam Terror Attack: भारत में रिलीज नहीं होगी पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म, पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला Premanand Maharaj on Pahalgam Attack: पहलगाम हमले पर बोले प्रेमानंद महाराज, बताया आतंकियों के साथ क्या करना चाहिए?
24-Apr-2025 02:47 PM
By First Bihar
UPSC Success Story: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक छोटे से कस्बे से निकलकर पवन कुमार ने वह कर दिखाया जो लाखों युवाओं का सपना होता है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में उन्होंने 239वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया। यह सफर आसान नहीं था| मिट्टी के घर, तिरपाल की छत और पुराने मोबाइल फोन से पढ़ाई कर पवन ने IAS बनने तक का कठिन रास्ता तय किया।
पवन कुमार का बचपन बेहद गरीबी और अभाव में बीता। उनके पिता मुकेश कुमार एक मेहनती किसान हैं, जिनकी आमदनी से घर का गुज़ारा मुश्किल से चलता था। पवन का घर कच्चा था, जिसमें तिरपाल की छत लगी थी और बरसात में टपकती छत के नीचे भी उन्होंने हार नहीं मानी। पढ़ाई के प्रति उनका समर्पण शुरू से ही अडिग था।
पढ़ाई की शुरुआत बुलंदशहर के नवोदय विद्यालय से हुई, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर दिल्ली जाकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। पवन बताते हैं कि उन्होंने ज्यादातर समय पुराने मोबाइल फोन में नोट्स पढ़कर तैयारी की, क्योंकि महंगे कोचिंग और संसाधन उनके पास नहीं थे। उनका फोकस और आत्मविश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।
आज पवन कुमार की सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं| ये कहानी बताती है कि अगर जज़्बा सच्चा हो, तो तिरपाल की छत के नीचे से भी UPSC का ताज पाया जा सकता है।