ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में लापता कोचिंग टीचर का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में लापता कोचिंग टीचर का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Patna Crime News: पटना में PMCH के ट्रॉली ठेकेदार की चाकू मारकर हत्या, पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका Patna Crime News: पटना में PMCH के ट्रॉली ठेकेदार की चाकू मारकर हत्या, पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका Bihar News: बिहार में सरकारी चावल की कालाबाजारी, गोदाम से 350 मीट्रिक टन चावल गायब; बोरियों में निकलीं ईंटें Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप India Missile Test: ब्रह्मोस से भी खतरनाक मिसाइल टेस्ट करने जा रहा भारत, दुनिया भर के लिए चेतावनी जारी.. Janmashtami 2025: 16 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्मी, जानिए.... पूजा विधि और शुभ मुहूर्त Kishtwar Cloudburst Update: किश्तवाड़ आपदा में अब तक 65 शव बरामद, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पीएम मोदी और उमर अब्दुल्ला ने जताई संवेदना

Success Story: पकौड़े बेचने वाली के बेटी बनी IAS अधिकारी, कठिन संघर्ष के बदौलत लिखी सफलता की कहानी

Success Story: भरतपुर की दीपेश कुमारी ने पकोड़े बेचने वाले पिता के संघर्ष को अपनी ताकत बनाया। IIT बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद UPSC में टॉप रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं। उनकी कहानी हर संघर्षशील युवा के लिए एक प्रेरणा है।

Success Story

15-Aug-2025 01:53 PM

By First Bihar

Success Story: कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। राजस्थान के भरतपुर जिले के अटल बांध इलाके की रहने वाली दीपेश कुमारी ने इसी को सच कर दिखाया। उनके पिता गोविंद कुमार ने 25 वर्षों तक सड़कों पर पकौड़े और नमकीन बेचकर अपने 7 सदस्यीय परिवार का पालन-पोषण किया। उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद अपने पांचों बच्चों को शिक्षित किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया।


दीपेश कुमारी एक छोटे से कमरे में अपने माता-पिता और चार भाई-बहनों के साथ रहती थीं। घर में ना पर्याप्त सुविधाएं थीं और ना ही संसाधन। लेकिन उनके सपने बड़े थे। विपरीत परिस्थितियों ने उनके हौसलों को कमजोर नहीं किया। दीपेश ने बचपन से ही पढ़ाई को अपना लक्ष्य बना लिया। उन्होंने भरतपुर के शिशु आदर्श विद्या मंदिर से पढ़ाई की। 10वीं में 98% और 12वीं में 89% अंक हासिल किए। इसके बाद MBM इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) और फिर IIT बॉम्बे से M.Tech किया। 


एक साल तक प्राइवेट कंपनी में काम किया, फिर नौकरी छोड़कर UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। साल 2020 में उन्हें पहली बार UPSC में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपने सेविंग्स से दिल्ली में रहकर कोचिंग की। साल 2021 में उन्होंने UPSC में All India Rank 93 हासिल की। इतना ही नहीं, EWS कैटेगरी में उन्होंने 4th रैंक भी प्राप्त किया। दीपेश को IAS अधिकारी नियुक्त किया गया और झारखंड कैडर मिला।


दीपेश न केवल खुद सफल रहीं बल्कि अपने भाई-बहनों के लिए एक प्रेरणा बन गईं। उनकी छोटी बहन डॉक्टर बनीं और वर्तमान में सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली में कार्यरत हैं। एक भाई AIIMS गुवाहाटी में और दूसरा लातूर में MBBS की पढ़ाई कर रहा है। दीपेश कुमारी मानती हैं कि संघर्ष ही सबसे बड़ा शिक्षक होता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा "मेरे पिता ने जो मेहनत की, वो मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रही। जब भी थकती थी, उनका संघर्ष मुझे और ताकत देता था। मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।" उनकी कहानी देश के हर उस युवा को प्रेरित करती है जो सीमित संसाधनों के बीच भी असीमित सपने देखता है।