ब्रेकिंग न्यूज़

GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी

Bihar girls education : बिहार में अब बेटी बोझ नहीं, ऐसे मिल रहा सपनो को उड़ान...जानिए कैसे बरस रहा है सरकारी खजाना!

Bihar girls education : बिहार में अब बेटियाँ न केवल शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी बड़े कदम उठा रही हैं। सरकार की प्रभावशाली योजनाओं और बदलती सामाजिक सोच ने मिलकर बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर दिया है|

बिहार बेटियों की शिक्षा, Bihar girls education, महिला सशक्तिकरण, women empowerment, सरकार की योजनाएं, government schemes for girls, बेटियों के लिए स्कॉलरशिप, scholarship for girls, मुफ्त शिक्षा योजना,

05-Apr-2025 05:57 PM

By First Bihar

Bihar girls education :  बिहार में अब बेटियाँ न केवल स्कूल जा रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। यह बदलाव केवल परिवारों की सोच में नहीं, बल्कि सरकार की योजनाओं और सामाजिक परिवेश में आए सकारात्मक परिवर्तन में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।


अब बिहार में हर क्षेत्र में पढ़ाई, सुरक्षा और सुविधाओं का विस्तार हुआ है। हालाँकि, शिक्षा के क्षेत्र में बिहार अब भी कुछ अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है, विशेषकर उच्च शिक्षा में जहाँ सकल नामांकन दर (GER - Gross Enrollment Ratio) अपेक्षाकृत कम है। अधिकांश लड़कियाँ 10वीं और 12वीं तक पढ़ाई कर लेती हैं, लेकिन उच्च शिक्षा की ओर बढ़ते समय कई बार आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं के कारण उनका हौसला टूट जाता है। मगर अब सरकार की इच्छाशक्ति और योजनाओं के प्रभाव से इस स्थिति में सुधार हो रहा है।


राज्य सरकार ने बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। बेटी के जन्म पर माता-पिता को 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो परिवारों को बच्चियों के भविष्य के प्रति गंभीर बनने के लिए प्रेरित करती है। स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को आयरन की गोलियाँ, सैनिटरी पैड और यूनिफॉर्म के लिए धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजी जाती है। नौवीं और दसवीं कक्षा की छात्राओं को साइकिल उपलब्ध कराई जाती है ताकि वे नियमित रूप से स्कूल जा सकें।


 वहीँ ,बालिग होने पर विवाह के पंजीकरण पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इंटरमीडिएट में 25 हजार और स्नातक की पढ़ाई के लिए 50 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति मिलती है। साथ ही, ग्रेजुएशन और पीजी की पढ़ाई को सरकार ने निशुल्क कर दिया है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, जबकि नगर निकाय चुनावों में उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रही है – बेटियाँ यदि उद्योग लगाना चाहें तो उन्हें 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये तक का ब्याज रहित ऋण मिलता है।


आपको बता दे कि कमर्शियल वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दी जाती है, जबकि जमीन की रजिस्ट्री पर केवल 0.4% स्टांप ड्यूटी देनी होती है। मुद्रा योजना के तहत बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। अब माता-पिता बेटियों की शिक्षा को सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य की मजबूती के रूप में देखने लगे हैं। गाँव से लेकर शहरों तक यह सोच विकसित हुई है कि बेटियों को पढ़ाना न केवल उनका अधिकार है, बल्कि एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज की आवश्यकता भी है।


बिहार की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, शिक्षा, प्रशासन, खेल, विज्ञान, और उद्योग में उनका योगदान लगातार बढ़ रहा है। यह परिवर्तन केवल योजनाओं का परिणाम नहीं है, बल्कि बेटियों की मेहनत, परिवारों की बदली सोच और समाज के सहयोग का एक सुंदर उदाहरण है। बिहार में बेटियों की उड़ान अब सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि साकार होती हकीकत है।