Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब Bihar News: बिहार के एक SDO को नहीं मिली राहत, DM की रिपोर्ट पर मिली थी सजा Cricket News: “युवराज उसे क्रिस गेल बना देगा”, अर्जुन तेंदुलकर पर योगराज सिंह का बड़ा बयान, फैंस बोले “चाचा, वो गेंदबाज है”
29-Jan-2025 07:24 AM
By First Bihar
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक 11वीं की छात्रा को अपने पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड की मांग करने पर स्कूल प्रिंसिपल द्वारा क्लास से बाहर निकाल दिया गया। यह घटना 24 जनवरी 2025 को हुई, जब छात्रा ने स्कूल में अपनी स्थिति का हवाला देते हुए प्रिंसिपल से मदद की गुहार लगाई थी।
छात्रा की आपबीती
घटना के बारे में छात्रा ने बताया कि जब उसे अपने पीरियड्स का पता चला, तो उसने सबसे पहले स्कूल के प्रिंसिपल से सेनेटरी पैड मांगा। इसके बाद प्रिंसिपल ने उसे न केवल मदद नहीं दी, बल्कि गुस्से में आकर क्लास से बाहर निकाल दिया और एक घंटे तक खड़ा रखा। छात्रा ने यह भी बताया कि जब उसके कपड़ों पर ब्लीडिंग के कारण दाग लग गए, तो उसे घर भेज दिया गया।
शिकायत और कार्रवाई
छात्रा के परिवार ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई और इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी (DIOS) और महिला एवं बाल कल्याण विभाग को भी भेजी गई है। परिवार ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रिंसिपल और टीचर्स ने छात्रा की समस्याओं को नजरअंदाज किया और उसे मानसिक रूप से आहत किया। इस घटना के बाद छात्रा मानसिक तनाव का शिकार हो गई है और उसने स्कूल जाने से भी मना कर दिया है।
DIOS की ओर से जांच का आदेश
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी (DIOS) अजीत कुमार ने जांच के लिए एक टीम बनाई है। उन्होंने कहा कि छात्रा के पिता की शिकायत दर्ज की गई है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह मामला अब गंभीर रूप ले चुका है और इसके समाधान के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रिंसिपल का बयान
वहीं, प्रिंसिपल रचना अरोरा ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि उन्होंने पैड के लिए प्रबंधन से अनुरोध किया था। लेकिन, वह जरूरी कामों में व्यस्त हो गईं और जब तक वह फ्री हुईं, तब तक छात्रा जा चुकी थी।
महिलाओं के अधिकारों पर सवाल
इस घटना पर पंखुड़ी फाउंडेशन की निदेशक पंखुड़ी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और महिलाओं को इसकी वजह से शर्मिंदा नहीं किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन करती हैं।
यह घटना भारतीय समाज में महिलाओं और लड़कियों के लिए अभी भी आवश्यक और स्वाभाविक समस्याओं को लेकर मानसिकता की कमी को उजागर करती है। पीरियड्स जैसी सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया को लेकर समाज में व्याप्त संकोच और असंवेदनशीलता, लड़कियों के अधिकारों और उनकी गरिमा के लिए एक बड़ा खतरा बन चुकी है। इस घटना के बाद, यह जरूरी है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और हर स्कूल में सुरक्षित और सहायक वातावरण का निर्माण किया जाए, जहां छात्राओं को अपनी शारीरिक आवश्यकताओं के लिए शर्मिंदा न होना पड़े।