ब्रेकिंग न्यूज़

GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी

भारत में चीनी उत्पादन में भारी गिरावट, जानिए आगे क्या होगा असर

भारत में चीनी उत्पादन में इस साल जबरदस्त गिरावट देखी गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन में आई कमी के कारण हुई है।

Sugar Production in India

17-Feb-2025 09:42 PM

By First Bihar

इंडस्ट्री बॉडी ISMA (Indian Sugar and Bio-Energy Manufacturers Association) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 15 फरवरी 2025 तक चीनी उत्पादन 12% घटकर 197 लाख टन रह गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 224.15 लाख टन था। यह गिरावट मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन में आई कमी के कारण हुई है।

भारत में चीनी उत्पादन अक्टूबर से सितंबर तक चलने वाले शुगर मार्केटिंग ईयर के दौरान रिकॉर्ड किया जाता है। लेकिन इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन में भारी गिरावट आई है।

  1. महाराष्ट्र में उत्पादन 79.45 लाख टन से घटकर 68.22 लाख टन हो गया।
  2. कर्नाटक में यह 43.20 लाख टन से घटकर 35.80 लाख टन रह गया।
  3. उत्तर प्रदेश में भी उत्पादन 67.77 लाख टन से घटकर 64.04 लाख टन हो गया।

इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण बताए जा रहे हैं:

  1. खराब मॉनसून और जल संकट – महाराष्ट्र और कर्नाटक में इस साल बारिश की कमी ने गन्ने की फसल को प्रभावित किया।
  2. इथेनॉल उत्पादन की ओर बढ़ता रुझान – सरकार द्वारा इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम को बढ़ावा देने के कारण गन्ने का एक बड़ा हिस्सा इथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्ट किया गया।
  3. गन्ना किसानों की समस्याएं – किसानों को समय पर भुगतान न मिलने और बढ़ती लागत के कारण उत्पादन पर असर पड़ा।

इथेनॉल के लिए चीनी का डायवर्जन

ISMA के अनुसार, 31 जनवरी 2025 तक इथेनॉल उत्पादन के लिए 14.1 लाख टन चीनी डायवर्ट की गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 8.3 लाख टन था। सरकार ग्रीन एनर्जी और वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे पारंपरिक चीनी उत्पादन पर असर पड़ा है।

बाजार और आम जनता पर असर

  1. चीनी के दाम बढ़ने की आशंका – कम उत्पादन के चलते घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
  2. निर्यात प्रभावित हो सकता है – भारत, दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और निर्यातक है, लेकिन उत्पादन गिरने से निर्यात प्रतिबंध लग सकता है।
  3. गन्ना किसानों पर असर – कम उत्पादन का सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ सकता है।