Pahalgam Terror Attack: बितान के 3 वर्षीय बेटे का पूरा जिम्मा उठाएंगे सुभेंदु अधिकारी, कोलकाता एयरपोर्ट पर नम आँखों से दी श्रद्धांजलि Bihar News: “चाहे कुछ भी हो जाए, साथ जिएंगे साथ मरेंगे” प्रेम विवाह के बाद भागलपुर में हाई वोल्टेज ड्रामा Bihar Politics: युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह ने पीएम मोदी का जताया आभार, पाक के खिलाफ सरकार के फैसले को बताया सही Bihar Politics: युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह ने पीएम मोदी का जताया आभार, पाक के खिलाफ सरकार के फैसले को बताया सही KHAGARIA:26 साल बाद साकार हुआ रामविलास पासवान का सपना, अलौली से शुरू हुई ट्रेन सेवा, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन Bihar Crime News: 2.50 करोड़ की हेरोइन के साथ दो भाई अरेस्ट, यूपी से नशे की खेप लेकर पहुंचे थे बिहार Bihar Crime News: कंटेनर से गांजे की बड़ी खेप जब्त, करोड़ों में बताई जा रही कीमत Hostel Safety: पटना में स्टूडेंट्स की जान पर आफत! बुद्धा कॉलोनी हॉस्टल में लगी आग ने खोली सुरक्षा की पोल Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम हमले का पहला वीडियो आया सामने, ग्राउंड में लोगों पर गोलियां बरसाते दिखे आतंकी Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम हमले का पहला वीडियो आया सामने, ग्राउंड में लोगों पर गोलियां बरसाते दिखे आतंकी
24-Mar-2025 06:54 PM
By First Bihar
Success Story: बिहार के रहने वाले मखाना व्यवसाय से सफलता की मिसाल कायम कर दिया है। दरअसल, दरभंगा के रहने वाले श्रवण कुमार रॉय ने यह साबित कर दिया है कि सही योजना और समर्पण से खेती और किसानी से जुड़े व्यवसाय में भी बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। श्रवण 2019 में अदाणी ग्रुप में एक अच्छी नौकरी कर रहे थे, जहां उनकी सालाना सैलरी 8 लाख रुपए थी।
वहीं उन्होंने गांव लौटकर कुछ नया करने का फैसला किया। जब उन्होंने अपनी पत्नी से इस बारे में बात की, तो वे चौंक गईं और बोलीं, "लोग गांव से शहर कमाने आते हैं, और आप इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर गांव जाना चाहते हैं?" श्रवण ने आत्मविश्वास से जवाब दिया, "मुझे दो साल का समय दो, मैं मखाने के बिजनेस से अपनी मौजूदा सैलरी जितना कमा सकता हूं।"
गांव वापसी और चुनौतियां
गांव लौटने के बाद श्रवण ने मखाने के व्यवसाय की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही कोरोना महामारी का दौर आ गया। लॉकडाउन के कारण उन्हें अपनी बचत पर निर्भर रहना पड़ा, और समाज के ताने भी सुनने पड़े। लोग कहते, "इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर घर पर बैठा खा रहा है।"
मखाना व्यवसाय की शुरुआत और विस्तार
श्रवण की कंपनी आज फ्लेवर मखाना स्नैक्स का उत्पादन कर रही है। उनकी प्रोसेसिंग यूनिट में मखाना की पैकिंग और अन्य उत्पादों का निर्माण होता है। उन्होंने मखाना का आटा भी तैयार किया, जिससे कुकीज, इडली, डोसा और कुल्फी जैसी चीजें बनाई जा रही हैं। वे बताते हैं, "जब मैं लोगों को बताता हूं कि यह मखाने के आटे से बना है, तो वे यकीन नहीं करते।"
मखाना, जो कभी मिथिला और बिहार तक सीमित था, आज सुपर फूड के रूप में दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुका है। श्रवण ने अपने मखाना उत्पादों की 22 विभिन्न वैरायटी विकसित की हैं, जिनमें मखाना कुकीज सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। वे कहते हैं, "इसमें जीरो मैदा है और किसी भी प्रकार का प्रिजर्वेटिव नहीं डाला गया है।"
कैसे आया मखाना व्यवसाय का विचार?
श्रवण बताते हैं कि उनके परिवार में कभी बिजनेस करने की परंपरा नहीं थी। लेकिन 2010 में कॉलेज के दौरान एक प्रोजेक्ट में उन्होंने मखाना पॉपिंग मशीन तैयार की थी। उस समय दक्षिण भारत में मखाने का ज्यादा चलन नहीं था। जब उन्होंने इस मशीन का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, तो कई लोगों ने मखाना के बारे में जानकारी लेनी शुरू की। यहीं से उन्हें इस व्यवसाय का आइडिया मिला।
17 हजार से 1.5 करोड़ तक का सफर
श्रवण ने महज 17 हजार रुपए की छोटी पूंजी से मखाना व्यवसाय की शुरुआत की थी। आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा है। मखाने की बढ़ती डिमांड का मुख्य कारण इसके स्वास्थ्यवर्धक गुण हैं।
यह फैट-फ्री होने के साथ-साथ कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक और सोडियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। श्रवण अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बेचते हैं। वे विभिन्न एग्जीबिशन और व्यापार मेलों में भी भाग लेते हैं, जिससे उन्हें नए क्लाइंट्स से जुड़ने में मदद मिलती है।
श्रवण कुमार रॉय की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो खेती-किसानी और ग्रामीण उद्यमिता को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनकी मेहनत और आत्मविश्वास ने साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो सफलता जरूर मिलती है।