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28-Feb-2025 04:27 PM
By First Bihar
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2% रही है। हालांकि, यह आंकड़ा पिछले साल की समान तिमाही की 8.4% की वृद्धि दर से काफी कम है। शुक्रवार, 28 फरवरी को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किए गए ताजे आंकड़ों ने इस तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की कमजोर गति को उजागर किया।
यह गिरावट दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब पहले जैसे रफ्तार से नहीं बढ़ रही है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2% पर ठहरी, जो देश के आर्थिक विकास के लिए एक चेतावनी का संकेत हो सकती है। पिछले साल की इसी तिमाही में, यानी 2022-23 के आखिरी तिमाही में, GDP ग्रोथ 8.4% रही थी, जो वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी को दर्शाता था। लेकिन अब यह गिरावट दर्शाती है कि कुछ क्षेत्रों में मंदी के संकेत नजर आ रहे हैं, जिससे आर्थिक वृद्धि की दर धीमी हुई है।
हालांकि, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6.5% के आसपास रखा है। पहले के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में जारी किए गए NSO के अनुमानों में विकास दर 6.4% आंकी गई थी, जो पिछले 4 वर्षों का सबसे निचला स्तर था। यह आंकड़ा यह संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी जरूर हो गई है, लेकिन पूरी तरह से रुकी नहीं है।
इससे पहले, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 6.7% रही थी, जो एक सकारात्मक संकेत था। लेकिन दूसरी तिमाही में यह संख्या गिरकर 5.4% पर आ गई थी, जिससे यह साफ हो गया कि आने वाले महीनों में विकास की दर में गिरावट हो सकती है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था ने अलग-अलग चरणों का सामना किया है। कोविड-19 महामारी के कारण, 2020 में GDP ग्रोथ -5.8% रही थी, जो महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को दर्शाता है। लेकिन 2021 में महामारी के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक शानदार रिबाउंड दिखाया और 9.7% की वृद्धि दर्ज की। 2022 में, ग्रोथ 7.0% रही, जबकि 2023 में आर्थिक सुधार के चलते GDP ग्रोथ 8.2% तक पहुंची। अब, 2024 में, 6.4% की विकास दर का अनुमान है, जो दर्शाता है कि वृद्धि की गति में कमी आई है, फिर भी यह एक मजबूत वृद्धि बनी हुई है।