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24-Aug-2025 03:13 PM
By First Bihar
Vehicle Loan Process: देश के लगभग सभी राज्यों में लोन को लेकर नई व्यवस्था लागू किया गया है। इस में मध्यप्रदेश (एमपी) समेत देश के 17 राज्यों में वाहन लोन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण नई व्यवस्था लागू हो गई है। अब जिन लोगों ने ईएमआई पर वाहन खरीदा है, उन्हें लोन पूरी होने के बाद हाइपोथिकेशन हटवाने के लिए आरटीओ का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। न तो किसी फॉर्म भरने की जरूरत होगी और न ही कोई अतिरिक्त औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। वाहन लोन प्रदान करने वाली बैंक या फाइनेंस कंपनी सीधे वाहन पोर्टल के माध्यम से हाइपोथिकेशन को हटाएगी।
दरअसल, इस नई व्यवस्था के तहत, लोन पूरा होने के बाद ई-रजिस्ट्रेशन कार्ड को एम परिवहन एप या डिजी लॉकर पर डाउनलोड किया जा सकेगा। यदि फिजिकल रजिस्ट्रेशन कार्ड चाहिए तो परिवहन विभाग में डुप्लीकेट के लिए आवेदन करना होगा। यह सुविधा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है, जिसने वाहन पोर्टल पर हाइपोथिकेशन हटाने का अधिकार बैंक और फाइनेंस कंपनियों को दे दिया है। इसका मुख्य फायदा वाहन मालिकों को होगा क्योंकि अब उन्हें एनओसी लेकर आरटीओ कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस नई प्रणाली को मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, दिल्ली सहित कुल 17 राज्यों में लागू कर दिया गया है। आने वाले समय में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा, जिससे वाहन चालकों का समय और ऊर्जा दोनों बचेंगे।
पहले लोन पूरा होने के बाद वाहन मालिक को लोन प्रदाता से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना पड़ता था। इसके बाद आरटीओ कार्यालय जाकर फॉर्म 35, पुराना रजिस्ट्रेशन कार्ड और एनओसी जमा करनी होती थी। तब जाकर नया रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी होता था, जिसके बाद ही वाहन का स्वामित्व मुक्त माना जाता था और वाहन बेचा जा सकता था।
अब इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, इंदौर में कई वाहन मालिकों को हाइपोथिकेशन हटने की जानकारी मैसेज के माध्यम से मिल रही है। ऐसे लोग जो पहले आरटीओ में आवेदन नहीं कर पाए थे, वे भी इस नई सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं। कई लोगों ने तो बैंक की एनओसी के साथ जमा की गई फाइलें वापस लेना भी शुरू कर दी हैं। इंदौर आरटीओ के अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि हाइपोथिकेशन ऑनलाइन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जहां एक ओर यह सुविधा वाहन मालिकों के लिए राहत लेकर आई है, वहीं जिन लोगों ने ईएमआई भुगतान में लापरवाही की है और उनके वाहन सीज हो गए हैं, उन्हें सावधानी बरतनी होगी। ऐसी स्थिति में बैंक या कंपनी सीधे हाइपोथिकेशन हटा कर वाहन बेच सकती है। हालांकि, आरटीओ में वाहन मालिकों को एक मौका दिया जाता है कि वे अपनी स्थिति सुधार सकें।
यह नई डिजिटल व्यवस्था वाहन स्वामित्व की प्रक्रिया को सरल, तेज और पारदर्शी बनाएगी। इससे वाहन मालिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी और वे अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे। भविष्य में पूरे देश में इस प्रक्रिया के लागू होने से जनता को काफी राहत मिलेगी।