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23-Feb-2025 05:24 PM
By First Bihar
तीन प्रमुख अमेरिकी इंडेक्स 1.5 फीसदी से ज्यादा गिरे, और नैस्डेक 2.2 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। लेकिन असली डर क्या है? निवेशक क्यों घबराए हुए हैं? इसका जवाब है Stagflation का खतरा।
Stagflation एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में मंदी (ग्रोथ घटना) और महंगाई (इंफ्लेशन) दोनों बढ़ने लगते हैं। यह स्थिति अत्यंत खतरनाक होती है क्योंकि इससे केंद्रीय बैंक के पास अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए बहुत कम विकल्प रह जाते हैं। इस स्थिति में, महंगाई बढ़ने के बावजूद केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती नहीं कर सकते क्योंकि यह मुद्रास्फीति को और बढ़ा सकता है। और अगर वे ब्याज दरें बढ़ाते हैं तो यह आर्थिक विकास को और धीमा कर सकता है।
हाल ही में बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा कराए गए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ कि ग्लोबल फंड मैनेजरों के बीच Stagflation को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसे निवेशकों की संख्या 7 महीने में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है, जो मानते हैं कि आने वाले समय में Stagflation की स्थिति पैदा हो सकती है। यह संकेत दे रहा है कि अधिक से अधिक निवेशक अब इस स्थिति को लेकर आशंका जता रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा उठाए गए कदम, खासकर टैरिफ को लेकर, Stagflation के खतरे को और बढ़ा सकते हैं। यदि अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है, तो इसका सीधा असर उत्पादों की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे महंगाई में और वृद्धि होगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने का फैसला यूरोप के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि यूरोप की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं, जर्मनी और फ्रांस, पहले ही आर्थिक मंदी और बढ़ती महंगाई से जूझ रही हैं। वहीं, यूक्रेन संकट और बढ़ती ऊर्जा कीमतों ने और भी हालात को बिगाड़ दिया है। इसके अलावा, डब्लूटीओ के एक प्रतिनिधि ने चेतावनी दी है कि इस कदम से वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ेगा और महंगाई दर में और वृद्धि हो सकती है।
अमेरिका की सरकार इन चिंताओं को नकार रही है, लेकिन आर्थिक आंकड़ों ने हाल ही में नई आशंकाएं पैदा कर दी हैं। आर्थिक गतिविधियों में गिरावट और कंज्यूमर सेंटीमेंट्स की कमजोरी यह संकेत दे रही है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती बढ़ रही है। रॉयटर्स के अनुसार, निवेशकों ने महंगाई के कारण सतर्क रुख अपनाया है, और इसका असर कंज्यूमर खर्च पर भी पड़ रहा है।
शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट का प्रमुख कारण टैरिफ एलान को लेकर बढ़ती अनिश्चितताएं थीं। कारोबारियों ने अपने सौदों को अगले सप्ताह तक टालने की बजाय, बाजार से पैसे निकालने को प्राथमिकता दी। इसी कारण से तीन प्रमुख इंडेक्स 1.5 फीसदी से ज्यादा गिर गए, जबकि नैस्डेक 2.2 फीसदी नीचे बंद हुआ।