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BIHAR NEWS: हुजूर...मद्य निषेध विभाग में इंस्पेक्टर राज...शोभा की वस्तु बने 'सुपरिटेंडेंट' ! CM नीतीश की 'शराबबंदी' से उत्पाद विभाग के अफसर-कर्मी की थैली रोज हो रही भारी, जान लीजिए...

BIHAR NEWS: शराबबंदी वाले राज्य बिहार में अजब-गजब का खेल किया जा रहा है. यहां शराबबंदी के नाम पर उत्पाद विभाग के अधिकारी मोटी कमाई कर रहे हैं. मद्ध निषेध विभाग जिसके कंधों पर जिम्मेदारी दी गई है, वो शराबबंदी को फेल करने में जुट गया है.

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06-Mar-2025 02:13 PM

By Viveka Nand

BIHAR NEWS: बिहार में शराबबंदी किसी कीमत पर सफल नहीं हो सकती . ऐसा इसलिए क्यों कि जिनके कंधों पर सरकार ने यह जिम्मेदारी दी है, वे सबसे बड़े शराब माफिया बन बैठे हैं. शराबबंदी कानून को विफल कराने का सुपारी ले रखा है. उत्पाद विभाग के अधिकारी से लेकर अदना सा कर्मी शराब की सप्लाई कर मोटी कमाई कर रहा है. दिखावे के लिए कार्रवाई भी होती है, लेकिन जड़ पर चोट नहीं किया जाता. ताजा मामला सिवान का है जहां उत्पाद विभाग की गाड़ी से शराब बरामद हुआ है. यह गंभीर इश्यू है. इधर, मद्य निषेध विभाग ने सोची-समझी रणनीति के तहत सीनियर के स्थान पर जूनियर अधिकारी को जिले की कमान सौंप कर रही-सही कसर पूरी कर दे रहा. बिहार के संवेदनशील चार ऐसे जिले हैं, जहां अधीक्षक के स्थान पर इंस्पेक्टर से जिला चलवाया जा रहा. यह कैसे और क्यों किया जा रहा, इसे समझने के लिए ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं. 

उत्पाद विभाग में इंस्पेक्टर राज...शोभा की वस्तु बने सुपरिटेंडेंट

हाल के महीनों में उत्पाद विभाग के कई कारनामें सामने आये हैं. चौबीस घंटे पहले सिवान में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है. जिले शराब बिक्री की रोकथाम की जिम्मेवारी जिस विभाग को है, उस विभाग की गाड़ी से ही भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हुई. जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गोपालगंज मोड़ के समीप बुधवार को एंटी लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) की टीम ने उत्पाद विभाग की गाड़ी को जब्त कर चालक को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उत्पाद विभाग की टीम एक बार फिर से चर्चा में आ गई है। उत्पाद विभाग में अनुबंधित गाड़ी से शराब मिलने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिम्मेदार अधिकारी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. 

वैसे बता दें, उत्पाद एवं मद्ध निषेध विभाग ने भी सिवान जिले को इंस्पेक्टर के हवाले कर रखा है. इंस्पेक्टर को प्रभारी अधीक्षक के रूप में पोस्टिंग देकर काम कराया जा रहा. सिर्फ सिवान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बक्सर, कैमूर भी जूनियर अधिकारी के हवाले है. यहां भी इंस्पेक्टर राज चल रहा है. शेखपुरा जिले का भी वही हाल है. विभाग के जानकार बताते हैं कि कई अधीक्षक मुख्यालय में शोभा की वस्तु बनाकर बिठाये गए हैं और इंस्पेक्टर से जिला चलवाया जा रहा है. 

कैमूर में चल रहा था खेल...अधीक्षक उत्पाद को हटाने के बाद इंस्पेक्टर को प्रभार  

कैमूर में शराब माफियाओं से मिलीभगत कर उत्पाद विभाग के अधिकारी खेल कर रहे थे. इसका खुलासा हुआ तो उत्पाद विभाग की भद्द पिट गई. इसके बाद कैमूर के उत्पाद अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया.. वहीं छापेमारी टीम को सस्पेंड कर दिया गया है. 10 दिसंबर 24 को उत्पाद विभाग की तरफ से यह जानकारी साझा की गई थी. बताया गया था कि कैमूर से लगभग 14 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश सीमा की तरफ छज्जुपुर पोखड़ा, थाना-दुर्गावती, मोहनियाँ, कैमूर में मद्यनिषेध टीम पर कथित वाहन जाँच के दौरान हमला किये जाने की सूचना मिली. इसके बाद आयुक्त उत्पाद, रजनीश कुमार सिंह ने मुख्यालय स्तर से संयुक्त दल का गठन कर सम्पूर्ण मामले की गहन जाँच कराई। जाँच दल की रिपोर्ट के आलोक में प्रथम दृष्टया पाया गया कि कैमूर के मद्यनिषेध जाँच टीम द्वारा ऐसे कृत्य किये गये, जो उनके आचरण एवं कार्यकलाप को संदेह में लाता है. समीक्षा के बाद आयुक्त उत्पाद ने वहाँ के प्रभारी अधीक्षक मद्यनिषेध, शैलेन्द्र कुमार को कर्त्तव्य में लापरवाही एवं दोषी कर्मियों को बचाने तथा मुख्यालय को भ्रामक प्रतिवेदन भेजने के आरोप में हटा दिया गया है. साथ ही कैमूर के छापामारी दल में शामिल दो सहायक अवर निरीक्षक, रामानन्द प्रसाद एवं संजय कुमार सिंह तथा मद्यनिषेध सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। इन सभी पर स्थापित मानदंडों के खिलाफ जाकर जाँच करने एवं स्थानीय तस्करों से मिली भगत का प्रथम दृष्टया आरोप है। वहीं, अधीक्षक मद्यनिषेध से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.

बक्सर के शरा माफिया उत्पाद अधीक्षक सस्पेंड हुए, अब इंस्पेक्टर से चलाया जा रहा काम   

यूपी से सटा हुआ जिला बक्सर के उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक शराब माफियाओं से मिलकर अवैध धंधा करा रहे थे. बक्सर एसपी के आदेश पर कार्रवाई हुई थी. जांच में आरोप सही साबित हुए थे. इसके बाद बक्सर के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया गया था. इसके बाद वे ड्यूटी से गायब हो गए थे. गिरफ्तारी के लिए पुलिस पीछे पड़ी हुई थी. 

बता दें, बक्सर के औद्योगिक थाने की पुलिस ने वीरकुंवर सिंह सेतु से यूपी के रास्ते बक्सर की सीमा में प्रवेश करने के बाद एनएच 922 पर शराब लदे तीन वाहनों को पकड़ा था. सबसे पहले शराब से भरी एक स्कॉर्पियो पर पुलिस की नजर पड़ी थी. चालक से पूछताछ के आधार पर शराब लदी एक इंडिका कार और एक होंडा सिटी कार को जब्त कर 21 जून 2024 को औधोगिक थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच में अधीक्षक उत्पाद दिलीप पाठक की शराब माफियाओं से सांठगांठ के पुख्ता प्रमाण मिले. इसके बाद तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक को गिरफ्तार करने का आदेश तत्कालीन एसपी मनीष कुमार ने दे दी.  गिरफ्तारी के भय से वे मुख्यालय से भाग खड़े हुए। भगोड़े उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. इसी बीच उन्होंने पटना हाईकोर्ट से जमानत ले ली. बेल मिलने के बाद बक्सर में योगदान देने की तैयारी कर रहे थे, तभी विभाग ने उन्हें सितंबर 2024 में सस्पेंड कर दिया.आज भी सस्पेंड चल रहे हैं.  इधर बक्सर जिले की कमान एक इंस्पेक्टर के हाथ में है.