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07-Sep-2025 08:55 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार ने उत्तर बिहार के विकास को नई गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मुजफ्फरपुर जिले के पारू प्रखंड के फतेहाबाद से सारण जिले के तरैया प्रखंड के चंचलिया तक गंडक नदी पर 3-लेन उच्च स्तरीय ब्रिज बनाने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह 2280 मीटर लंबा और 15.55 मीटर चौड़ा पीएससी बॉक्स सेल सुपर स्ट्रक्चर ब्रिज होगा, जिसमें 2200 मीटर का पहुंच पथ भी शामिल है।
इसकी कुल लागत 589 करोड़ 4 लाख 78 हजार रुपये आंकी गई है और निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी। यह प्रोजेक्ट बिहार सरकार के 5474 करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज का हिस्सा है जो राज्य के विकास को गति देगा।
लंबे समय से इस ब्रिज का इंतजार कर रहे स्थानीय लोगों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। वर्तमान में फतेहाबाद से तरैया जाने के लिए रेवा घाट पुल के रास्ते 49 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जो समय और ईंधन दोनों की बर्बादी का कारण बनी हुई है। ब्रिज बनने के बाद यह दूरी घटकर महज 10 किलोमीटर रह जाएगी, यानी 39 किलोमीटर की बचत। इससे न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि व्यापार, कृषि और रोजगार को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
मुजफ्फरपुर के पारू और सरैया प्रखंड के 12 से अधिक गांवों के लगभग 5 लाख लोगों को इससे सीधा फायदा होगा। किसानों को फसलें बाजार तक जल्द पहुंचाने में आसानी होगी जबकि व्यापारियों के लिए माल ढुलाई सस्ती और तेज बनेगी। पथ निर्माण मंत्री नीतीन नबीन ने इसे क्षेत्र के लिए जीवनरेखा बताया है जो उत्तर बिहार के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
निर्माण कार्य के लिए जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ब्रिज के दोनों छोर पर फतेहाबाद और चंचलिया में 2 से 3 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाएगी। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड जल्द ही फाइनल डीपीआर तैयार कर पथ निर्माण विभाग को सौंपेगा। यह ब्रिज गंडक नदी के उफान को ध्यान में रखकर हाई-लेवल डिजाइन का होगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगा।
सरकार का दावा है कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह प्रोजेक्ट बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का हिस्सा है, जहां हाल ही में कई पुल और सड़क परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। स्थानीय विधायक जनक सिंह ने इसे 15 साल पुरानी मांग की पूर्ति बताया जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के सुझाव पर आधारित है।
यह ब्रिज न केवल दो जिलों को जोड़ेगा बल्कि पूरे उत्तर बिहार के लिए प्रगति का सेतु बनेगा। निर्माण के दौरान सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और लंबे समय में पर्यटन व उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। बिहार सरकार की यह पहल दिखाती है कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव बड़े फर्क ला सकते हैं। मुजफ्फरपुरवासी अब बेसब्री से इस ब्रिज का इंतजार कर रहे हैं।