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02-Sep-2025 09:35 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के गया जिले के शेरघाटी प्रखंड में स्थित एक राम मंदिर के 80 वर्षीय पुजारी शिवरतन मिश्र की दो साल पुरानी संदिग्ध मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। लंबी जांच और इंतजार के बाद आई विसरा रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि पुजारी की हत्या जहर देकर की गई थी। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने पुजारी के बेटे पवन मिश्र, बहू मंजू मिश्रा और पौत्र भोलू मिश्र को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, घटना 13 जुलाई 2023 की है, जब वृद्ध और बीमार पुजारी शिवरतन मिश्र की अचानक मृत्यु हो गई थी। उस समय शव का पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन तत्काल रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया था। इस वजह से विसरा संरक्षित कर लिया गया और जांच के लिए भेजा गया था। अब, लगभग दो साल बाद आई रिपोर्ट में जहर को मृत्यु का कारण बताया गया है।
पुलिस का कहना है कि यह मामला शुरू से ही संदिग्ध था और पुजारी के छोटे बेटे दीपक मिश्र ने शेरघाटी थाना में FIR संख्या 756/23 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बेटे, बहू और पौत्र को नामजद आरोपी बनाया गया था। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि परिवार के ही सदस्यों ने संपत्ति हड़पने की लालच में पुजारी को अपने कब्जे में रखकर उनकी हत्या की साजिश रची। आरोपियों ने वृद्ध पुजारी को लंबे समय तक किसी से मिलने नहीं दिया और उन्हें तन्हा, असहाय और बीमार हालत में रखा गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, शिवरतन मिश्र ने उम्र और स्वास्थ्य कारणों से मंदिर की पूजा-पाठ की जिम्मेदारी छोड़ दी थी, लेकिन मंदिर से संबंधित कुछ संपत्ति और दान की राशि पर उनका नियंत्रण बना हुआ था। आरोपियों को आशंका थी कि पुजारी किसी और को वह संपत्ति सौंप सकते हैं, इसलिए उन्होंने उन्हें रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा।
पुजारी की हत्या का खुलासा होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश और दुख दोनों देखने को मिला है। इलाके के लोग शिवरतन मिश्र को एक श्रद्धेय और सरल स्वभाव वाले व्यक्ति के रूप में जानते थे, जिनका जीवन धार्मिक कार्यों और सेवा में बीता। उनकी हत्या को लेकर धार्मिक भावनाएं भी आहत हुई हैं।
शेरघाटी के सहायक पुलिस अधीक्षक ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और मामले में चार्जशीट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही, पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या मंदिर की संपत्ति के अन्य दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई थी।