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Bihar Politics: सांसद सुधाकर सिंह के निशाने पर सम्राट चौधरी, सीएम नीतीश और राज्यपाल को पत्र लिखकर की यह बड़ी मांग

Bihar Politics

17-Mar-2025 11:54 AM

By FIRST BIHAR

Bihar Politics: आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं और जांच कर दोषियों के खिलाफ एक्शन की मांग कर दी है। सुधाकर सिंह के निशाने पर वित्त मंत्री सम्राट चौधरी का विभाग है। उन्होंने वित्त विभाग में भारी अनियमितता के आरोप लगाएं हैं और जांच की मांग कर दी है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बिहार में लोकपाल के नियुक्त करने की भी मांग की है।


आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने पत्र में लिखा, मैं बिहार सरकार के वित्त विभाग में हुए कुछ अनियमितताओं एवं राज्य के सरकारी विभागों में वरिष्ठ पदाधिकारियों के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने परिजनों की निजी कंपनियों को ठेका दिये जाने से संबंधित मामलों में आपका ध्यान आकर्षण करवाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं । बिहार सरकार के कई विभागों में वरिष्ठ अधिकारियों एवं नेताओं के परिजनों की निजी कंपनियों एवं गैर सरकारी संगठन को बिना किसी टेंडर की प्रक्रिया के संविदा पर काम दिया गया है या उन्हें बतौर सलाहकार अथवा परामर्शी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है । इस वजह से राज्य सरकार का प्रति वर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये का आर्थिक व्यय हो रहा है जिसकी सार्थकता का अवलोकन करना अति आवश्यक है।


आपसे आग्रह है कि राज्य सरकार के सभी विभागों में बिना किसी टेंडर या प्रतिस्पर्धी बोली (competitive bid) के बतौर सलाहकार या परामर्शी के तौर पर नियुक्त किए गए निजी व्यक्तियों एवं कंपनियों की विस्तृत जांच करवाने का कष्ट करें । इसके अलावा सरकार के अलग अलग विभागों में सलाहकार के तौर पर नियुक्त किए गए कंपनियों एवं गैर सरकारी संगठन की भूमिका का अवलोकन एवं समीक्षा करवाया जाना अतिआवश्यक है ताकि राज्य सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग न हो सके। इसके अलावा मैं आपका ध्यान दिनांक 31 अगस्त 2024 को नियुक्त हुए वित्त सचिव की मात्र तीन दिन बाद हुए स्थानांतरण के संदर्भ में भी आकर्षित कराना चाहता हूँ । 


वित्त सचिव के तौर पर मूल स्थापन होने के बाद किसी भी पदाधिकारी का कार्यकाल एक निश्चित समय के लिए होता है मगर इस मामले में 3 सितम्बर 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा पुराने वित्त सचिव का तबादला 3 दिनों के अंदर करके आनंद किशोर को वित्त सचिव बनाया गया जो प्रथम दृष्टया अनुचित प्रतीत होता है । साथ ही, वर्तमान वित्त सचिव के द्वारा लिए गए कई निर्णय उनकी निष्पक्षता के ऊपर सवाल खड़े करते हैं । इस संदर्भ में बजट सम्बंधित बैठकों में निजी कंपनियों एवं व्यक्तियों की सहभागिता के साथ साथ कुछ चिन्हित सलाहकार संस्थानों को वित्त विभाग के द्वारा विशेष प्राथमिकता दिए जाने के निर्णय भी शामिल हैं ।


अंत में सुधाकर सिंह ने लिखा, बिहार राज्य में जन लोकपाल का पद कई वर्षों से रिक्त है जिसकी वजह से इस तरह के मामलों की न्याय संगत जांच नहीं हो पाती है । इसलिए आप से आग्रह है कि बिहार राज्य में जन लोकपाल के नियुक्ति हेतु राज्य सरकार को उचित दिशा निर्देश देने की कृपा करें।