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10-Sep-2025 02:24 PM
By Viveka Nand
Bihar News: मोतिहारी में सरकारी स्कूलों की मरम्मति के नाम पर सरकारी खजाने को लुट लिया गया. घोटाले का दायरा बढ़ते जा रहा है. सिर्फ संग्रामपुर प्रखंड में ही करोड़ों का खेल नहीं हुआ, मोतिहारी सदर अनुमंडल के तुरकौलिया प्रखंड के 20 स्कूलों में मरम्मति के नाम पर प्रति स्कूल लगभग 5-5 लाख रू निकासी हो गई और चवन्नी का काम नहीं हुआ. सुशासन राज का आतंक देखिए, जेई-एई की बात छोड़िए जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा) से लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), तक ने बिना काम किए बिल पास कर दिया. राशि भुगतान को लेकर तेजी से फाइल दौड़ाई गई, खबर है कि न सिर्फ संग्रामपुर प्रखंड में करोड़ों की राशि की निकासी हुई बल्कि तुरकौलिया में भी एक करोड़ की राशि सरकारी खजाने से बिना काम किए ही निकल गई. जिन स्कूलों में मरम्मति के नाम पर बिल बनाकर सरकारी खजाने को लुटा गया है, उनके प्रधानाध्य़ापक ही भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोल रहे हैं. हम अगली कड़ी में बतायेंगे कि तुरकौलिया प्रखंड के किन-किन स्कूलों में बिना काम के कितनी राशि की निकासी हुई है. आज तुरकौलिया ब्लॉक के पांच स्कूल के प्रधानाध्यापकों की जुबानी भ्रष्टाचार की पूरी कहानी बता रहे.
पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कारनामे जान लें....
पूर्वी चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने 260 स्कूलों की एक लिस्ट तैयार की थी. यह लिस्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र के आलोक में तैयार कर BSEIDC के उप प्रबंधक तकनीकी पूर्वी चंपारण को भेजी गई। लिस्ट में राशि भुगतान को लेकर विद्यालय की सूची संलग्न की गई थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने 12 अप्रैल 2025 को उप प्रबंधक तकनीकी बीएसईडीसी को पत्र लिखा था. जिसमें कहा था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 10 अप्रैल 2025 को असैनिक योजनाओं से संबंधित सूची उपलब्ध कराने का कहा था. इस आलोक में वित्तीय वर्ष 2024- 25 के वैसे सभी असैनिक योजना का भुगतान किया जाना है. इस संबंध में क्रमांक 1 से 260 तक एजेंसी वार सूची संलग्न कर भेजी जा रही है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने वैसे सरकारी स्कूल जहां मरम्मति के काम हुए थे, से संबंधित विपत्र जिनका भुगतान 25 मार्च 2025 के बाद नहीं हो सका था, उसकी सूची भेजी थी. जिन 260 स्कूलों की सूची जहां काम के बदले भुगतान करना था, लिस्ट में संग्रामपुर के अलावे तुरकौलिया के 20 स्कूल हैं. डीपीओ के बिल भुगतान वाली लिस्ट में तुरकौलिया के स्कूलों का क्रमांक 203 से शुरू होकर 223 पर खत्म हुई है.
अब धऱातल पर आइए...काम हुआ या नहीं..पोल खोल रहे प्रधानाध्यापक
आपने जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी के आदेश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों द्वारा बिल भुगतान से संबंधित जानकाली पढ़ ली. आब धरातल पर आइए. जिन स्कूलों में मरम्मति के नाम पर प्रति स्कूल लगभग 5-5 लाख भुगतान का बिल पास कर फाइल दौड़ाई गई और भुगतान कराया गया, हकीकत जान लें. दरअसल, चवन्नी का काम नहीं हुआ और करोड़ों के भुगतान की फाइल दौड़ाई गई और भुगतान भी हुआ. मोतिहारी के संग्रामपुर प्रखंड के बाद अब तुरकौलिया प्रखंड के प्रधानाध्यापकों ने पोल खोली है.
प्रधानाध्यापकों ने डीईओ-डीपीओ व ठेकेदार की मिलीभगत की खोली पोल
यूएमएस टिकुुलिया बालिका के प्रधानाध्यापक ब्रजनंदन प्रसाद ने कहा कि मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. जब जानकारी ही नहीं तो काम होने का सवाल कहां है. उनसे कहा गया कि आपके स्कूल में मरम्मति कार्य के लिए लगभग 5 लाख की राशि का बिल मार्च-अप्रैल 2025 में ही पास हो गया, और भुगतान भी. इस पर उन्होंने आश्चर्य जाते हुए कहा कि यह तो हद है. वहीं तुरकौलिया के एनपीएस भैसरा की पिछले महीने तक प्रिंसिपल रही रिंकु कमारी ने कहा कि मेरे विद्यालय में मरम्मति का कोई काम नहीं हुआ है. 5 लाख रू से किसी तरह का काम नहीं हुआ है. जीपीएस माधोपुर मधुमालत जहां महीनों पहले 4 लाख 92 हजार रू का फर्जी बिल बनाकर सरकारी खजाने से निकासी की फाइल दौड़ी, वहां भी अब तक कोई काम नहीं हुआ है. स्कूल के प्रिंसिपल ओम प्रकाश ने कहा कि किसी ठेकेदार ने फोन किया है कि उनके यहां कल सामान गिरेगा. इसके बाद काम शुरू होगा. उनसे पूछा गया कि बिल को महीनों पहले पास हो गया है, काम नहीं हुआ ? इस पर उन्होंने कहा कि किसी तरह का काम नहीं हुआ है. हां..कल से सामान गिराने की खबर आई है. जीएमएस तुरकौलिया बालक के प्रिसिंपल भी हतप्रभ हैं. विनोद भगत ने बताया कि उनके यहां काम नहीं हुआ है. उन्हें तो पता भी नहीं है कि मरम्मति के नाम पर इतनी बड़ी राशि(लगभग 5 लाख) की निकासी हो गई है. उन्होंने सूचना देने के लिए शुक्रिया अदा किया. यूएमएस निमुइया के प्रिंसिपल श्रीलाल प्रसाद ने कहा कि संग्रामपुर में बिना काम किए राशि निकासी की खबर के बाद यहां भी काम शुरू हुआ है. पिछले हफ्ते से यहां काम कराया जा रहा है. उन्हें भी पता नहीं कि महीनों पहले बिल बन गया और राशि की भी निकासी हो गई. जानकारी मिलने के बाद वे भी आश्चर्य में पड़ गए। अगली कड़ी में आपको सभी 20 स्कूल जहां मरम्मति के नाम पर राशि की निकासी की गई है, उनके प्रिंसिपल की जुबानी सच्चाई बताय़ेंगे.