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26-Apr-2025 09:11 AM
By First Bihar
Rahul Gandhi: वीर सावरकर पर दिए गए विवादित बयान को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक उड़ाना न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि यह गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी है।
अदालत ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में इस तरह का कोई बयान सामने आता है, तो वह स्वतः संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा डांट लगाते हुए कहा कि आप एक वरिष्ठ राजनेता हैं, आपको अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए। देश के स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर की गई टिप्पणी गंभीर मानी जाती है।
स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सख्त नसीहत दी है। अदालत ने कहा कि वीर सावरकर ने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया था और उनका मज़ाक उड़ाना स्वीकार्य नहीं है। यदि भविष्य में इस तरह की टिप्पणी दोबारा की गई तो अदालत स्वतः संज्ञान लेगी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या आपके मुवक्किल को यह जानकारी है कि महात्मा गांधी भी अपने पत्रों में खुद को ‘अंग्रेजों का सेवक’ लिखा करते थे? क्या इस आधार पर यह माना जा सकता है कि महात्मा गांधी ब्रिटिश सरकार के सेवक थे?
अदालत ने स्पष्ट किया कि उस समय यह एक परंपरागत शिष्टाचार था। देश गुलाम था, और ब्रिटिश सरकार को संबोधित करते हुए नेता इस तरह की भाषा का प्रयोग करते थे। महात्मा गांधी भी अपने पत्रों के अंत में लिखा करते थे: I have the honour to remain, Your Excellency's obedient servant जिसका अर्थ होता है “आपका वफादार सेवक बने रहना मेरे लिए सम्मान की बात है।
यह प्रचलन महज औपचारिकता थी, न कि किसी की निष्ठा का प्रमाण। महात्मा गांधी, वीर सावरकर समेत अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अद्वितीय संघर्ष किया, जेल गए और कई आंदोलनों में भाग लिया था |
कोर्ट की कार्यवाही:
राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने समन जारी किया था, जिसे रद्द कराने के लिए उन्होंने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने समन रद्द करने से इनकार कर दिया था। वहीं, पेशियों में अनुपस्थिति के चलते अदालत ने राहुल गांधी पर 200 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर उन्हें आगाह करते हुए कहा है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाह बयानबाजी दोहराई गई तो वह कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहे।