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10-Feb-2025 12:27 PM
By KHUSHBOO GUPTA
Parliament Budget Session: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने राज्यसभा में जनगणना और फूड सिक्योरिटी एक्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ये कानून 2013 में यूपीए सरकार के समय आया था, जिसने कोविड काल में लोगों को अनाज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार जितनी जल्दी हो सके जनगणना कराए ताकि जरूरतमंद लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को सोनिया गांधी ने उठाते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा विशेषाधिकार नहीं बल्कि नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल था, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना था। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर कोविड 19 महामारी के संकट के दौरान साथ ही इसी अधिनियम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आधार प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ ही 50 प्रतिशत शहरी आबादी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की हकदार है। हालांकि लाभार्थियों के लिए कोटा अब भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जो अब एक दशक से अधिक पुरानी है। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि-‘‘स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में 4 साल से अधिक की देरी हुई है। मूल रूप से यह 2021 के लिए निर्धारित थी लेकिन अब भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी।’’