ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में फर्जी शादी कराने वाले गिरोह का खुलासा, कई जिलों में फैला था नेटवर्क; गिरफ्त में लुटेरी दुल्हन Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों ने फिर से मचाया तांडव, कारोबारी भाइयों पर की ताबड़तोड़ फायरिंग; दोनों घायल Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों ने फिर से मचाया तांडव, कारोबारी भाइयों पर की ताबड़तोड़ फायरिंग; दोनों घायल Bihar News: दुश्मन कौन और दोस्त कौन? विधानसभा चुनाव से पहले बनेगी लिस्ट; पुलिस के लिए आदेश जारी Bihar Crime News: मोतिहारी में मामूली विवाद में युवक की गला दबाकर हत्या, आरोपी फरार Train Ticket Booking: ट्रेन में टिकट बुक करते समय करें यह काम, फ्री में होगा AC में अपग्रेड Ayushman Bharat: ‘आयुष्मान भारत’ योजना से क्यों दूर भाग रहे प्राइवेट अस्पताल? IMA ने बता दी बड़ी वजह Bihar News: 125 यूनिट मुफ्त बिजली के नाम पर बिहार में हो रही ठगी, समय रहते हो जाएं सतर्क Bihar News: चोरी के आरोप में नाबालिगों को रस्सी से बांधकर गाँव में घुमाया, वीडियो वायरल Bihar News: चुनाव से पहले नीतीश की ताबड़तोड़ घोषणाएं जारी: आज फिर नया ऐलान, सफाई कर्मचारी आयोग का होगा गठन

Bihar Assembly Election 2025 : कांग्रेस के मास्टर स्ट्रोक ने बढाई लालू यादव की चिंता, NDA के नेताओं ने भी पकड़ा माथा

Bihar Assembly Election 2025 : राहुल गांधी के इस मास्टर स्ट्रोक के बाद एक ओर जहाँ राजद पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं तो वहीं उधर NDA नेताओं ने भी अपना माथा पकड़ लिया है.

Bihar Assembly Election 2025

19-Mar-2025 08:34 AM

By First Bihar

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने अपनी सियासी चाल तेज कर दी है। दलित चेहरे राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने न सिर्फ एनडीए बल्कि अपने सहयोगी आरजेडी के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। यह फैसला इंडिया गठबंधन में नई हलचल का कारण बन रहा है, खासकर लालू यादव की आरजेडी के लिए, जो दलित वोटों पर मजबूत पकड़ रखती है।


बताते चलें कि राजेश राम, औरंगाबाद के कुटुंबा से विधायक हैं और कांग्रेस से पुराना ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। बीते तीन विधानसभा चुनावों में बक्सर, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, अरवल, औरंगाबाद और गया का इलाका एनडीए के लिए चुनौती रहा है। 2020 में इन 49 सीटों में से 41 पर महागठबंधन ने कब्जा जमाया था, जिसमें कुटुंबा और राजपुर जैसी आरक्षित सीटों पर कांग्रेस की जीत शामिल थी। अब राजेश राम के जरिए कांग्रेस इस इलाके में अपनी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत करना चाहती है।


ज्ञात हो कि इस इलाके में करीब 25% दलित वोटर हैं। यह वही क्षेत्र है, जहां आरजेडी और बीएसपी का दलितों पर प्रभाव रहा है। बीते लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के जरिए एनडीए ने कुछ हद तक समीकरण साधे थे, लेकिन विधानसभा में यह रणनीति फीकी पड़ी। दूसरी ओर, मायावती की बीएसपी का प्रभाव भी कम हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस ने मौके को भुनाने के लिए राजेश राम को आगे किया है। राहुल गांधी के दलित सम्मेलनों के बाद यह दूसरा बड़ा कदम है, जिससे दलित वोटों में सेंधमारी की तैयारी साफ नजर आ रही।


इस बात में कोई शक नहीं कि आरजेडी लंबे वक्त से दलित और पिछड़े वर्ग के वोटों की बदौलत बिहार में मजबूत रही है। लेकिन कांग्रेस का यह कदम उसके लिए खतरे की घंटी है। उधर एनडीए के लिए भी यह चुनौती कम बड़ी नहीं है। दलित चेहरों को आगे कर बीजेपी ने इस इलाके में पकड़ बनाने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा चुनावों में इस पार्टी को लगातार नुकसान ही हुआ। अब कांग्रेस का नया अवतार एनडीए के समीकरणों को भी बिगाड़ सकता है।