आतंकी हमले के खिलाफ छातापुर में कैंडल मार्च, यह निर्दोष लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हमला है: संजीव मिश्रा सीतामढ़ी में ट्रांसजेंडर से अवैध संबंध के चलते युवक की हत्या, पूजा समेत चार आरोपी गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, बेकार गया 4 साल लंबा इंतजार IAS अधिकारी KK पाठक की बिहार से विदाई, अब केंद्र में निभाएंगे नई जिम्मेदारी Paghalgam Terror Attack: भारत इस दिन कर सकता है पाकिस्तान पर हमला, पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त का बड़ा दावा बिहार में समलैंगिक विवाह का मामला: 3 बच्चों की मां ने नाबालिग लड़की से की शादी Pahalgam Terror Attack: “चलो मंदिर चलते हैं”, कैसे भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली इस कपल की जान, पढ़कर आप भी कहेंगे “हर हर महादेव” हाजीपुर-शाहपुर पटोरी-बरौनी-मानसी के रास्ते दानापुर और सहरसा के बीच चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन का विस्तार, 29 अप्रैल से सुपौल तक परिचालन बिहार में भीषण गर्मी का सितम: औरंगाबाद में पारा 46.2 डिग्री पार, पटना के संपतचक में 45.7 °C, रात में बारिश होने की संभावना Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
11-May-2020 11:20 AM
By
DESK :कोरोना वायरस संक्रमण तमाम प्रयासों के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस के लिए अभी तक कोई सही दवा या वैक्सीन विकसित नहीं की जा सकी है. पुरे विश्व में कोरोना से 280868 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं अब तक 40 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं. पिछले हफ्ते इजराइल और फिर बाद में इटली ने दावा किया था कि उन लोगों ने वैक्सीन बना ली है. पर इस बात में कितनी सच्चाई है इस की पुष्टि नहीं की जा सकती.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले से ही इस महामारी को लेकर विवादों से घिरा रहा है. पहले तो उसने कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी मानने से इंकार कर दिया, साथ ही इस बीमारी से जुड़े तथ्य छुपाने वाले मामले में चीन को क्लीन चिट दे दी. इस वजह से WHO की खूब किरकिरी हो चुकी है. अब WHO ने एक ऐसे शोध को समर्थन दे दिया है जिसमे स्वस्थ्य लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित करने के बाद, वैक्सीन का ट्रायल किया जायेगा. इस दौरान वॉलंटियर करने वाले लोगों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा भी बना रहेगा. ये पूरा ट्रेल अपने आप में विवादित है.
ब्रिटिश अख़बार डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, WHO का कहना है कि “हेल्दी वॉलंटियर्स को कोरोना संक्रमित कराने से वैक्सीन तैयार करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी. स्वास्थ्य संगठन ने इसी वजह से इसे नैतिक रूप से भी सही करार दिया है.” इस वैक्सीन के ट्रायल को लेकर आठ शर्तें भी निर्धारित की गई हैं. जिसके तहत सिर्फ 18 से 30 साल के लोगों को ही इस शोध में शामिल किया जा सकेगा.
इस शोध के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहना है कि स्वस्थ लोगों को संक्रमित कराने के बाद उन पर वैक्सीन के असर देखने वाली ट्रायल पहले भी की जा चुकी है. इस तरह के ट्रायल मलेरिया, टाइफाइड, फ्लू की वैक्सीन तैयार करने के लिए किया गया था. हालांकि, इन बीमारियों के ट्रीटमेंट के लिए दवाइयां पहले से मौजूद थीं. इस तरह के ट्रायल को चैलेंज ट्रायल भी कहते हैं.
फ़िलहाल इस तरह के ट्रायल करना उचित नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस से बीमार पड़ने पर अभी कोई ट्रीटमेंट मौजूद नहीं है. ऐसे में किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को संक्रमित कराए जाने के बाद उसके गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर ठीक करना आसन नहीं होगा.
आमुमन पहले से ही संक्रमित हो चुके लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है. ऑक्फोर्ड यूनिवर्सिटी और इंपेरियल कॉलेज लंदन की ओर से पहले से ही संक्रमित लोगों पर ही ट्रायल शुरू किया गया है. हालांकि, ये प्रक्रिया काफी धीमी होती है और इसमें तेजी लाने के लिए चैलेंज ट्रायल की बात उठी है.