ब्रेकिंग न्यूज़

जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं

यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को सता रहा करियर का डर, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी बड़ी राहत

यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को सता रहा करियर का डर, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी बड़ी राहत

06-Mar-2022 07:38 AM

By

DESK : यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 18 हजार में से ज्यादातर छात्र स्वदेश लौट चुके हैं, बाकी को भी वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इन छात्रों की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होती हैं. यदि अगले कुछ महीनों के भीतर वहां हालात सामान्य नहीं होते हैं तो उनका करियर तबाह हो जाएगा. अनेक छात्र इसमें ऐसे हैं जो एमबीबीएस आखिरी वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे छात्रों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बड़ी राहत दी है.


राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि कोरोना महामारी अथवा युद्ध जैसी विषम परिस्थितियों के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाने वाले विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट भारत में इसे पूरा कर सकते हैं. छात्रों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) पास करनी होगी. इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस के छात्रों को भी देश में आगे पढ़ाई जारी रखने का मौका देने की मांग की है.


एनएमसी ने कहा है कि विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को इंटर्नशिप के आवंटन के लिए अधिकतम कोटा एक मेडिकल कालेज में कुल स्वीकृत सीट के अतिरिक्त 7.5 प्रतिशत तक सीमित होना चाहिए. भारतीय मेडिकल ग्रेजुएट की तरह ही उन्हें स्टाइपेंड और अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए. मेडिकल कालेज विदेशी मेडिकल 'स्नातकों को इंटर्नशिप कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगे.