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कोरोना संकट के बीच तेलंगाना लौटे बिहारी मजदूर, स्वागत के लिए स्टेशन पर मंत्री थे मौजूद

कोरोना संकट के बीच तेलंगाना लौटे बिहारी मजदूर, स्वागत के लिए स्टेशन पर मंत्री थे मौजूद

09-May-2020 08:11 AM

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DESK : एक और जहां देश के कई राज्यों से प्रवासिय मजदूर अपने घर लौटने के लिए परेशान हैं. वहीं यह  शायद पहला मामला है जहां काम करने के लिए बिहार के 222 मजदूर किसी दुसरे राज्य गए है. सुनने में आप को थोड अटपटा लग सकता है पर ये सच्चाई है. शुक्रवार को स्पेशल ट्रेन से इन मजदूरों को तेलंगाना के लिंगमपल्ली पहुंचाया गया है.   

दरअसल ये सभी मजदूर तेलंगाना के राइस मिल में काम करते है. देश में लॉक डाउन होने से पहले ये अपने घर आये थे और इसी दौरान लॉक डाउन की घोषणा हो गई. अब जब करीब 45 दिनों बाद काम शुरू हुआ है तो राइस मिलों में काम करने के लिए मजदूरों की कमी हो रही है. ऐसे में मिल मालिकों द्वारा सरकार से आग्रह किया गया कि अपने घर गए मजदूरों को काम पर वापस लाने में सरकार उनकी मदद करे. तेलंगाना सरकार ने खुद इन मजदूरों का किराया वहन किया है ताकि काम प्रभावित ना हो.   

इन श्रमिकों को खगड़िया से रवाना किया गया था. तेलंगाना के नागरिक आपूर्ति मंत्री जी कमलाकर, टीआरएस के विधान पार्षद और राज्य की रायतू समन्वय समिति के अध्यक्ष पीआर रेड्डी ने अन्य लोगों के साथ लिंगमपल्ली रेलवे स्टेशन पर कामगार मजदूरों का स्वागत किया. रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि अपने गृह राज्य को छोड़कर प्रवासी कामगार काम के लिए किसी दूसरे राज्य में आए हैं.



ये पूरा मामला जितना चर्चा का विषय है उतना ही राजनीती का. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया. तेजस्वी यादव ट्विटर पर लिखते हैं “ वैश्विक महामारी के इस भयावह संकट में सभी राज्य अपने-अपने नागरिकों को वापस बुला रहे हैं लेकिन बिहार के मुखिया इस कठिन समय में अपने लोगों को दुसरे प्रदेशों से वापस बुलाने की बजाय उन्हें अन्य प्रदेशों में भेजने जैसा संवेदनहीन कृत्यों पर पीठ थपथपा रहे है.”वहीं, खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि “जो मजदूर जाने को इच्छुक थे उन्हें भेजा गया है. जो नहीं जाना चाहते थे, उन्हें नहीं भेजा गया है. सभी मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद गुरुवार की सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन लेकर तेलंगाना के लिए निकली.”