कटिहार सदर अस्पताल में सांप के काटने से महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप कायमनगर में महिला चौपाल: सोनाली सिंह ने सुनीं महिलाओं की समस्याएं, दी माई-बहिन मान योजना की जानकारी सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण में उमड़ा जनसैलाब, राजकुमार चौबे बोले..बक्सर बन सकता है अयोध्या-काशी से भी आगे पैतृक गांव महकार में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सादगी से मनाया अपना बर्थडे, हम कार्यकर्ताओं ने दी जन्मदिन की बधाई IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 16वां जत्था, अब तक 2850 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक के टॉपर्स को लैपटॉप देगी सरकार, इंजीनियर्स डे पर मंत्री ने की घोषणा
15-Dec-2023 07:18 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि उन्होंने दो दिवसीय इन्वेस्टर मीट कार्यक्रम में भाषण क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि नीतीश दो घंटे तक वहां रहे लेकिन एक शब्द नहीं कहा। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए मुख्यमंत्री का संबोधन अनिवार्य था लेकिन उनके सलाहकारों ने बोलने से मना कर दिया था क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं फिर विधान मंडल में भाषण जैसा मुंह से कुछ न निकल जाए, जिससे सरकार की फजीहत हो जाए। कार्यक्रम में तेजस्वी यादव भी नहीं आए जबकि उद्योग विभाग राजद के कोटे में है। तेजस्वी यादव को तो मना किया गया क्योंकि उनको देखते निवेशकों को लालू राज की याद आ जाती है।
सुशील मोदी ने कहा कि बड़ी संख्या में इन्वेस्टर्स मीट में आए हुए निवेशकों पर दबाव डालकर MOU हस्ताक्षर करवाया गया ताकि किसी तरह 50 हजार करोड़ का आंकड़ा पहुंचा जा सके। SIPB से जिनका प्रस्ताव पहले ही स्वीकृत हो चुका है, पहले से जो विस्तारीकरण में लगे हैं, उन सबको MOU में शामिल कर लिया गया है। लोगों पर दबाव बनाया गया कि निवेश करना हो या न करना हो परंतु कुछ भी भर दीजिए। मुश्किल से 5 हजार करोड़ के भी गंभीर प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने कहा कि अदानी समूह को छोड़कर टाटा, बिरला, अंबानी, मित्तल जैसा कोई बड़ा समूह नहीं आया। बिहार के ही वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल भी नहीं आए। बिहार के स्थानीय उद्योग संगठन की घोर उपेक्षा की गई। 2011 और 2016 की औद्योगिक नीति के तहत निवेशकों का करीब 800 करोड़ बकाया है। इसकी वसूली के लिए निवेशकों को अवमानना का मुकदमा करना पड़ रहा है, तब भी भुगतान नहीं मिल रहा है। बियाड़ा में रद्द की गई 1500 इकाइयों को पुनः बहाल किया जाए।
सुशील मोदी ने कहा कि विदेशों से आए प्रतिनिधियों में दो प्रकार के लोग थे। एक तो वह लोग थे जो जाड़े में छुट्टियां मनाने बिहार आते हैं। दूसरा राजनयिक थे जो हर राज्य के बुलावे पर पहुंच जाते हैं। निवेशकों का भरोसा नीतीश, लालू, राहुल पर से समाप्त हो चुका है। भाजपा की सरकार बनेगी तभी गंभीर निवेशक बिहार आएंगे।