ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: खगड़िया में फर्नीचर शोरूम में भीषण आग से लाखों का नुकसान UPMSP UP Board 10th 12th Result 2025: यूपी बोर्ड ने जारी किया 10वीं और 12वीं का रिजल्ट, जानिए.. कौन हैं स्टेट टॉपर्स UPMSP UP Board 10th 12th Result 2025: यूपी बोर्ड ने जारी किया 10वीं और 12वीं का रिजल्ट, जानिए.. कौन हैं स्टेट टॉपर्स Bihar Land Survey: भूमि सर्वे के बीच नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, 'बदलैन' वाली जमीन का क्या होगा, जानें... Bihar Crime News: बाइक के लिए महिला को दे दी सजा-ए-मौत, शव को जलाने जा रहे थे, तभी ग्रामीण ने खोल दी पोल Electric vehicle battery danger: इलेक्ट्रिक वाहन EV खरीदने से पहले पढ़ लें ये खबर... वरना हो सकता है बड़ा नुकसान! Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला..कई विभागों में 1000+ नए पदों की मंजूरी, युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला....इन एजेंडों पर लगी मुहर,जानें.... Bihar Police: बिहार पुलिस की दबंगई, दुकानदार को दी धमकी, मामला CCTV में कैद Neet Paper Leak Case: NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अरेस्ट, पटना से STF ने दबोचा, 3 लाख का था इनाम

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट का मामला : जांच कमेटी बनाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट का मामला : जांच कमेटी बनाने की मांग

01-May-2024 03:45 PM

By First Bihar

DELHI : कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड के साइड इफेक्ट का मामला बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दाखिल कर जोखिम कारकों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल बनाने की मांग की गई है। इसके साथ ही जनता के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जरूरी निर्देश जारी करने की भी मांग याचिकाकर्ता की तरफ से की गई है।


दरअसल, कोविशिल्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की कोर्ट में चल रहे एक मामले में दाखिल अदालती दस्तावेज में यह स्वीकार किया है कि उसके कोविड-19 के टीके से टीएसएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीएसएस शरीर में खून के थक्के और कम प्लेटलेट काउंट का कारण हो सकता है।


इस कंपनी को यूके में मुकदमें का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित उसके टीके से गंभीर साइड इफेक्ट और मौतों का आरोप लगाया गया है। अप्रैल, 2021 में वैक्सीन लेने के बाद ब्रेम हम्रेज के शिकार हुए जेमी स्कॉट नाम के एक शख्स ने इस मामले में केस दर्ज कराया था।


कोविशिल्ड को लेकर इस तरह की खबर सामने आने के बाद अब भारत में भी इसकी जांच की मांग उठने लगी है। सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी ने एक याचिका दाखिल कर कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड जोखिम कारकों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल बनाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि भारत में कोविशिल्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। कोविड-19 के बाद भारत में दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोशी से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है।


याचिका में यह भी कहा गया है कि कोविशिल्ड के डेवलपर्स की तरफ से यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेजों के बाद हम कोविशिल्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक नतीजों पर सोंचने के लिए विवश हैं।


याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सर्वोच्च अदालत के सेवानिवृत जज के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया जाए और कोविशिल्ड के दुष्प्रभावों की जांच हो। साथ ही यह भी कहा गया है कि कमेटी में एम्स, दिल्ली के निदेशक और एक्सपर्ट को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाए। याचिकाकर्ता ने ऐसे मामलों के लिए एक 'वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली' स्थापित करने की मांग भी की गई है।