ब्रेकिंग न्यूज़

RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप

सोनू सूद की छपेगी किताब, कोरोना संकट और लॉकडाउन के एक्सपीरियंस को करेंगे साझा

सोनू सूद की छपेगी किताब, कोरोना संकट और लॉकडाउन के एक्सपीरियंस को करेंगे साझा

15-Jul-2020 06:14 PM

By

DESK : कोरोना काल में जब पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब पलायन की वो दुखदाई तस्वीर सभी ने देखी थी. देश के कोने कोने में काम की तलाश में गए मजदूर काम ना होने की वजह से अपने गांव-घर लौटने को मजबूर थे. ऐसे में महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने पहल की थी. सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके इस नेक काम को खूब सराहा था. सोनू सूद ने उस मुश्किल घड़ी में रीयल हीरो बन प्रवासियों की मदद की थी.


अपने इन्ही दिनों के अनुभवों को लेकर सोनू सूद अब एक किताब लिखने वाले हैं. इसके लिए उन्होंने पेंग्विन रैंडम हाउस के साथ हाथ मिलाया है. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक सोनू सूद की ये किताब ईबरी प्रेस द्वारा प्रकाशित कर दी जायेगी.


इस बारे में पूछे जाने पर एक्टर सोनू सूद ने कहा कि ‘पिछले करीब साढ़े तीन महीने एक तरीके से मेरे लिए जीवन के बदलने वाले अनुभव रहे. प्रवासियों के साथ 16 से 18 घंटे रहना और उनके दर्द को बंटना. मैं जब उनको उनके घर के लिए अलविदा कहने जाता था, तब मेरा दिल खुशियों से भर जाता था. उनके चेहरे पर मुस्कान, उनकी आखों में खुशी के आसूं, मेरे लाइफ के सबसे स्पेशल अनुभव रहे. मैं वादा करता हूं कि मैं तब तक काम करता रहूंगा, जब तक आखिरी प्रवासी अपने घर और प्रियजनों के पास नहीं पहुंच जाता.'


सोनू आगे कहते हैं कि, 'मुझे विश्वास हैं कि मैं इसलिए ही इस शहर में आया था, यही मेरा उद्देश्य था. मैं भगवान को शुक्रिया कहना चाहूंगा कि उन्होंने प्रवासियों की मदद के लिए मुझे साधन बनाया. मुंबई मेरी दिल की घड़कन हैं, लेकिन अब मुझे लगता है कि  मेरा एक हिस्सा यूपी, बिहार, झारखंड, असम, उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों के गांवों में रहता है, जहां मुझे अब नए दोस्त मिल गए हैं और गहरे संबंध बनाए हैं. मैंने निर्णय किया है कि इन सभी अनुभवों और कहानियों को एक किताब में पिरोउंगा.'