मुख्य सचिव ने दिए निर्देश: योग्य लाभार्थियों को मिले राशन कार्ड, PDS दुकानों की रिक्तियां शीघ्र भरें, Zero Office Day अभियान में सख्ती कैमूर में विवाहिता की संदिग्ध मौत, मायकेवालों ने ससुराल पक्ष पर लगाया जहर देकर मारने का आरोप Bihar: सोनपुर में मनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन, पौधारोपण समेत कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन Bihar: सोनपुर में मनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन, पौधारोपण समेत कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन Buxar News: विश्वामित्र सेना ने निकाली ‘सनातन जोड़ो यात्रा’, धार्मिक एकता और आस्था का अनूठा संगम Buxar News: विश्वामित्र सेना ने निकाली ‘सनातन जोड़ो यात्रा’, धार्मिक एकता और आस्था का अनूठा संगम वीरपुर में किसान सम्मान समारोह: संजीव मिश्रा ने सैकड़ों किसानों को किया सम्मानित World Athletics Championship 2025: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचे नीरज चोपड़ा, पहले ही थ्रो में किया क्वालिफाई World Athletics Championship 2025: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचे नीरज चोपड़ा, पहले ही थ्रो में किया क्वालिफाई यूट्यूबर दिवाकर सहनी और उनके परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है वीआईपी: मुकेश सहनी
21-Feb-2024 09:49 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से दो और तीन मार्च को आयोजित होने वाले उन्मुखीकरण कार्यक्रम को लेकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बड़ा फैसला किया है। राजभवन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम में भाग लेने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए राजभवन की ओर से विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र भेज कर मना किया है। इसके बाद बिहार शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तकरार बढ़ गई है।
विश्वविद्यालय अधिकारियों के शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने से रोक के तीन दिन बाद ही विभाग ने कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक 28 फरवरी को बुलाई है। बैठक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में विभागीय सभागार में होगी। विभाग ने विश्वविद्यालयों को भेजे पत्र में कहा है कि बैठक में विलंबित परीक्षाओं के साथ-साथ अन्य सत्रों की समय पर परीक्षा आयोजित करने की समीक्षा होगी। इसको लेकर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों को पत्र भेजा है।
वहीं, विभाग की ओर से कुलपतियों और विश्वविद्यालयों के अन्य पदाधिकारियों की बैठक बुलाने के नए निर्देश पर शिक्षा जगत में फिर चर्चा शुरू हो गयी है। इसका कारण यह है कि तीन दिनों पहले ही राजभवन ने आदेश जारी कर कुलपतियों को विभाग के प्रशिक्षण में आने पर रोक लगाई थी। इसी बीच विभाग का फिर से कुलपतियों को बुलाने का फरमान जारी हुआ है। शिक्षा विभाग की तरफ से 2 और 3 मार्च को आयोजित होने वाले उन्मुखीकरण कार्यक्रम (प्रशिक्षण) में विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों के भाग लेने पर राजभवन ने रोक लगाई।
राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है। साथ ही इस पत्र की प्रतिलिपि सभी विश्वविद्यालयों को भेजी गई है। प्रधान सचिव ने पत्र में लिखा है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति की तरफ से इस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति प्रदान नहीं की गयी है। पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की ओर से राजभवन से ओरिएंटेशन में भाग लेने को लेकर मार्गदर्शन की मांग की गई थी।
आपको बताते चलें कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो और तीन मार्च को प्रस्तावित कार्यक्रम में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव आदि पदाधिकारियों को बुलाया गया है। चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में यह दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम होना है। इसमें विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को नेतृत्व क्षमता, परीक्षा कैलेंडर, परीक्षा फल प्रकाशित करने आदि मामलों पर प्रशिक्षण देना है। इस संदर्भ में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव की तरफ ने कार्यक्रम में भाग लेने के संदर्भ में राजभवन से मार्गदर्शन मांगा गया था। उसके बाद राजभवन का यह फैसला सामने आया है।