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09-Jun-2020 07:39 PM
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PATNA : 12 साल की दलित लड़की के साथ रेप कर फरार RJD के विधायक अरूण यादव पर अब पुलिस अचानक से हरकत में आ गयी है. भोजपुर पुलिस ने अब कहा है कि विधायक अरूण यादव ने अपराध के जरिये अकूत संपत्ति बनायी है. पुलिस ने ED से कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विधायक की संपत्ति जब्त करे. सवाल ये उठ रहा है कि इतने जघन्य मामले के आरोपी विधायक पर अचानक पुलिस की नींद क्यों टूटी है. क्या इसका वास्ता पटना में हो रही सियासत से है.
विधायक के साढ़े बारह करोड़ की संपत्ति की शुरू हुई कुर्की
आरा पुलिस ने कल ही अगिआंव में विधायक अरूण यादव के 7 प्लॉट को जब्त कर लिया. इस जमीन पर बोर्ड लगा दिया गया है कि ये संपत्ति पुलिस ने कुर्क किया है लिहाजा कोई इसकी खरीद बिक्री न करे. पुलिस के मुताबिक रेप के आरोप में फरार विधायक अरूण यादव के पास आरा-भोजपुर से लेकर पटना तक में अकूत संपत्ति है. विधायक की जमीन-मकान की जो फेहरिस्त पुलिस को अब तक हासिल हुई है उसमें करीब 15 एकड़ जमीन के साथ साथ पटना में कई फ्लैट भी शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक इस संपत्ति का रजिस्ट्री मूल्य तकरीबन पांच करोड़ रूपया है लेकिन बाजार मूल्य साढ़े बारह करोड़ रूपये से कम नहीं है.
पुलिस ने कोर्ट से विधायक की पूरी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश मांगा था. कोर्ट की मंजूरी के बाद विधायक की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. कल आरा पुलिस की टीम ने अगिआंव में विधायक अरूण यादव के 7 प्लॉट को कुर्क कर उस पर बोर्ड लगा दिया. इस संपत्ति का रिसीवर स्थानीय अंचलाधिकारी को बनाते हुए पुलिस ने किसी से इस जमीन की खरीद बिक्री नहीं करने को कहा है.
भोजपुर के एसपी सुशील कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि विधायक की अचल संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया जाये. कोर्ट का आदेश मिलने के बाद विधायक की अचल संपत्ति कुर्क की जा रही है. एसपी ने कहा कि आरा, भोजपुर से लेकर पटना में विधायक की संपत्ति पायी गयी है. कल से उस संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गयी है जो अगले दो-तीन दिनों में पूरी हो जायेगी. एस पी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर विधायक के बैंक खाते को भी सीज किया गया है. बैंक खाते में साढ़े 14 लाख रूपये थे जिसे फ्रिज कर दिया गया है.
पुलिस ने ED को अरूण यादव की संपत्ति की जब्ती का प्रस्ताव दिया
उधर आरा पुलिस ने अरूण यादव को लेकर तैयार किये गये अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विधायक पर पहले से ही 13 संगीन मामले दर्ज हैं. विधायक ने अवैध तरीके से काफी संपत्ति बनायी है. लिहाजा उस संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिये. पुलिस ने PMLA एक्ट के तहत विधायक की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव दिया है. गौरतलब है कि पीएमएलए एक्ट यानि प्रिवेंसन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई का अधिकार ED यानि प्रवर्तन निदेशालय को होता है. पुलिस इसकी अनुशंसा करती है लेकिन कार्रवाई ED को करना होता है.
11 महीने बाद अचानक से एक्शन में पुलिस
लेकिन पुलिस की इन तमाम कार्रवाई के बीच बड़ा सवाल उठ रहा है. विधायक अरूण यादव पर अचानक से पुलिस एक्शन में क्यों आयी है. दरअसल नाबालिग लड़की से रेप का मामला पिछले साल जुलाई का है. पुलिस पर शुरू से ही इस मामले में सवाल उठते रहे. 12 साल की एक बच्ची को अगवा कर उसके साथ हैवानियत की गयी. पुलिस ने इस मामले के दूसरे आरोपियों को तो गिऱफ्तार कर लिया लेकिन अरूण यादव खुला घूमता रहा. पुलिस पहले उसके खिलाफ वारंट लेने गयी. फिर कुर्की जब्ती का आदेश लेने गयी. पुलिस विधायक को फरार बताती रही और विधायक खुलेआम केस को रफा-दफा करने की कवायद में लगा रहा.
दरअसल फरार रहने के दौरान ही अरूण यादव ने अपने साथ साथ पीड़ित लडकी का हस्ताक्षऱ वाला सुलहनामा कोर्ट में पेश कर दिया. कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पुलिस को जमकर फटकार लगायी. आरा का पॉक्सो कोर्ट ने कई दफे पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए बिहार पुलिस के आलाधिकारियों तक को पत्र लिखा. लेकिन आरा पुलिस कागजी कार्रवाई करती रही. बिहार में एक दूसरे आपराधिक मामले में आरोपी बने एक दूसरे विधायक को पकड़ने के लिए पुलिस की कार्रवाई जगजाहिर रही है. लेकिन अरूण यादव का बाल बांका नहीं हुआ.
लेकिन अब अचानक से भोजपुर पुलिस हरकत में आयी है.भोजपुर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 12 मई को तीन डीएसपी, 5 इंस्पेक्टर और 19 थानेदारों ने अरूण यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी. लेकिन वे नहीं मिले. सवाल ये उठ रहा है कि क्या पटना में सियासी घमासान से पुलिस पर अरूण यादव के खिलाफ कार्रवाई का दवाब पड़ा है.