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24-Jan-2024 02:30 PM
By First Bihar
NALANDA: बिहार में कर्पूरी ठाकुर की जयंती के बहाने सभी सियासी दल अति पिछड़ा वोट बैंक को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं। ईडी गठबंधन में शामिल जेडीयू और आरजेडी अलग अलग कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती मना रही है। एक साथ सरकार में शामिल होने के बाद जेडीयू और आरजेडी के अलग-अलग कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने तंज किया है।
आरसीपी सिंह ने कहा है कि आरजेडी और जेडीयू की तासीर कभी मिलती नहीं है। वो तो नीतीश कुमार अपनी कुर्सी के चक्कर में सारे वसूलों को ठेंगा दिखा दिया। न तो दोनों दलों के विचार मिलते हैं और ना ही आरजेडी और जेडीयू के कार्यकर्ताओं के ही विचार एक हैं।जो दोनों दलों के शीर्ष नेता हैं उनमें एक की ईच्छा प्रधानमंत्री बनने की है तो दूसरे की ईच्छा है कि वे जितना जल्दी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना दे। ऐसे में स्वाभाविक है कि उनके विचार में, उनके कार्यक्रम में सामंजस्य नहीं है।
केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा कर मास्टर स्ट्रोक लगाया है, इस सवाल पर आरसीपी सिंह ने कहा कि केंद्र की सत्ता में जो लोग पहले थे उन्हें भी तो मौका मिला था। कांग्रेस और आरजेडी को ही ले लीजिए। मनमोहन सिंह दस वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री थे और लालू प्रसाद उनके साथ सरकार में थे। दोनों दलों के नेताओं ने अगर ईमानदारी से प्रयास किया होता तो कर्पूरी ठाकुर को कभी का भारत रत्न मिल गया होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला गरीब वर्ग के लोगों को सम्मान बढ़ाने वाला है।