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07-Feb-2020 08:22 PM
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PATNA : हड़ताल पर जाने का मन बना चुके सूबे के लाखों नियोजित शिक्षकों को सरकार ने कड़ी चेतावनी दे दी है। सरकार ने सभी डीएम को भेजे अपने पत्र में साफ कर दिया है कि मैट्रिक परीक्षा के दौरान शिक्षकों को विरोध करना महंगा पड़ सकता है। हड़ताली शिक्षकों को 'नो वर्क नो पे' के अंतर्गत वेतन तो देय नहीं ही होगा। जो इस दौरान कार्य से अनुपस्थित रहेंगे उनकी सर्विस ब्रेक( सेवा में टूट) मानी जाएगी।
शिक्षा विभाग के अपर सचिव आर के महाजन की ओर से सभी जिलों के डीएम, डीडीसी और डीईओ को जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समनवय समिति की ओर से शिक्षा विभाग को पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें उन्होनें 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कही है। इस दौरान शिक्षकों ने मैट्रिक परीक्षा का बहिष्कार करने की सूचना दी है।
उन्होनें पत्र में आगे लिखा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने परीक्षा का एलान पहले से कर रखा है।इस परीक्षा से बिहार के लाखों छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है। ऐसी दशा में शिक्षकों का विरोध अनुचित है। उन्होनें अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि जो शिक्षक मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण कार्य हेतू नियुक्त किए गए हैं और हड़ताल पर जाना चाहते हैं ऐसे शिक्षकों से लिखित घोषणा पत्र लिया जाए। वहीं परीक्षा के निर्बाध संचालन के लिए जो शिक्षक हड़ताल पर नहीं जाना चाहते हैं उन्हे नियुक्त किया जाए और तो और इसमें अन्य सरकारी कर्मियों को भी लगाया जाए। लेकिन हर हाल में परीक्षा समय पर ली जानी है।
आर के महाजन ने अधिकारियों को लिखे पत्र में ये साफ कर दिया है कि जो शिक्षक मैट्रिक परीक्षा के दौरान वीक्षण कार्य का बहिष्कार करेंगे उन्हें 'नो वर्क नो पे' के तहत वेतन तो देय नहीं ही होगा साथ ही सर्विस ब्रेक भी माना जाएगा। वहीं अपर शिक्षा सचिव ने कहा कि जो शिक्षक मैट्रिक परीक्षा के दौरान बाधा उत्पन्न करेंगे उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज किया जाएगा और निलंबित कर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।