सीतामढ़ी में एटीएम बदलकर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब, तीन साइबर फ्रॉड गिरफ्तार चुनाव से पूर्व मोतिहारी में बड़ी कार्रवाई: मुखिया पति कमरुद्दीन मियां के घर से हथियार और लग्जरी गाड़ियां बरामद Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, तीन नए थानाध्यक्षों की हुई तैनाती; दो लाइन हाजिर Bihar News: बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचीं गयाजी, विष्णुपद मंदिर में मां सुषमा स्वराज का किया पिंडदान Bihar News: बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचीं गयाजी, विष्णुपद मंदिर में मां सुषमा स्वराज का किया पिंडदान Bihar Police Modernization: आधुनिक हथियारों से लैस होगी बिहार पुलिस, केंद्र सरकार ने जारी किए इतने करोड़; अपराधियों की अब खैर नहीं Bihar Police Modernization: आधुनिक हथियारों से लैस होगी बिहार पुलिस, केंद्र सरकार ने जारी किए इतने करोड़; अपराधियों की अब खैर नहीं बिहार में बकरी के लिए चली गोली, युवक की मौत, सौतेले भाई ने दिया घटना को अंजाम हम नहीं सुधरेंगे, राहुल-तेजस्वी ने खाई कसम, एक बार फिर प्रधानमंत्री और उनके माता जी का किया अपमान: नित्यानंद Maha Yagya: श्री विद्या दस कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ का पहला दिन संपन्न, विजयवाड़ा में भव्य आयोजन
02-Aug-2021 08:58 PM
By
PATNA: बीजेपी के खिलाफ ताबड़तोड़ सियासी चाल चल रहे नीतीश कुमार ने नया दांव खेला है। नीतीश कुमार ने बिहार बीजेपी के नेताओं को संदेशा भिजवाया है। अपनी ही केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ ज्ञापन देने प्रधानमंत्री के पास सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर चलिये। नीतीश की ओऱ से तेजस्वी को भी फोन गया है. एक साथ दिल्ली चलने के लिए तैयार रहिये।
जातीय जनगणना पर बीजेपी की घेराबंदी में लगे नीतीश
दरअसल मामला जातीय जनगणना का है. नीतीश कुमार लगातार इस मसले पर बीजेपी को घेरेने में लगे हैं. लेकिन अब बड़ा दांव खेला है. तीन दिन पहले नीतीश कुमार से मिलकर तेजस्वी यादव ने मांग की थी कि वे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलने चलें. तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के दलों का प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार पर जातिगत जनगणना कराने का दबाव बनाये. नीतीश ने तेजस्वी के प्रस्ताव को तत्काल मान लिया.
बीजेपी को फंसाने का नया दांव
रविवार की शाम दिल्ली से लौटे नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के पास बिहार का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर जाने की तैयारी शुरू कर दी है. स्थिति दिलचस्प है. बीजेपी के पास सरकार का फोन गया है. जानकार बता रहे हैं कि संसदीय कार्य मंत्री औऱ नीतीश कुमार के करीबी विजय चौधरी ने बीजेपी के नेताओं को कॉल कर कहा है कि वे उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हों, जो प्रधानमंत्री के पास जाने वाला है. ये वाकई दिलचस्प मामला है कि बिहार बीजेपी के नेताओं को कहा गया है कि वे अपनी ही केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ ज्ञापन देने प्रधानमंत्री के पास चलें.
मीडिया ने आज नीतीश कुमार से जातिगत जनगणना को लेकर सवाल पूछा तो नीतीश कुमार ने कहा प्रधानमंत्री के पास जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए कि सभी दलों के लोगों से बात हो रही है. आज ही वे सभी दलों के लोगों से बात कर लेंगे. नीतीश ने जोर देकर कहा कि बीजेपी को भी इस बात की सूचना दे दी गयी है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जाने वाला है औऱ वह भी इसमें शामिल हो.
तेजस्वी के पास नीतीश का फोन
सरकारी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तेजस्वी प्रसाद यादव के पास खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कॉल गया है. उन्हें बताया गया है कि उनके सुझाव के मुताबिक प्रधानमंत्री के पास सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जा रहा है. तेजस्वी को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का न्योता मिला है. तेजस्वी यादव से सरकार का फोन आने की पुष्टि की गयी है. लेकिन नीतीश कुमार से तेजस्वी की बात हुई है इस पर चुप्पी साध ली गयी है.
बीजेपी को फंसा कर ही मानेंगे नीतीश?
जातीय जनगणना पर नीतीश जो चाल रहे हैं उसका सीधा मकसद बीजेपी को फंसाना है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि बिहार बीजेपी को ये कहा गया है कि वह अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ ज्ञापन देने चले. नीतीश कुमार कह रहे हैं कि बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना का जो प्रस्ताव पास हुआ था उसका सब ने समर्थन किया था. खुद बीजेपी ने भी उसका समर्थन किया था. लिहाजा सब को मिल कर चलना चाहिये और केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिये.
नीतीश जानते हैं कि उनके सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से केंद्र सरकार का फैसला बदलने वाला नहीं है. लेकिन बीजेपी फंसेगी. नीतीश के साथ प्रतिनिधिमंडल में जायेगी तो भी फंसेगी, अगर प्रतिनिधिमंडल का बहिष्कार करेगी तो भी फंसेगी. नीतीश जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर उस वोट बैंक की सियासत कर रहे हैं जिस पर बीजेपी की निगाहें लगी हैं. दरअसल बिहार में बीजेपी ने अति पिछड़ा वोट बैंक पर निगाहें जमा रखी है. अति पिछड़े वर्ग से दोनों डिप्टी सीएम बनाने का मकसद यही है. पहले यही वर्ग नीतीश कुमार का वोट बैंक माना जाता रहा है. जाहिर है नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के मसले पर एक तीर से कई निशाना साधना चाहते हैं.