Elvish House Firing: भाऊ गैंग ने ली एल्विश यादव के घर फायरिंग की जिम्मेदारी, सट्टा ऐप प्रमोशन को बताया कारण Elvish House Firing: भाऊ गैंग ने ली एल्विश यादव के घर फायरिंग की जिम्मेदारी, सट्टा ऐप प्रमोशन को बताया कारण Patna Crime News: पटना में अपराधियों का तांडव, घर में घुसकर युवक की गोली मारकर हत्या; इलाके में सनसनी Patna Crime News: पटना में अपराधियों का तांडव, घर में घुसकर युवक की गोली मारकर हत्या; इलाके में सनसनी Bihar Viral Video: ए मुखिया जी मन होखे त बोलीं.. बिहार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर मर्यादा हुई तार-तार, ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ ठुमके लगाते दिखे इश्कबाज मुखिया; देखिए.. वीडियो Bihar Viral Video: ए मुखिया जी मन होखे त बोलीं.. बिहार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर मर्यादा हुई तार-तार, ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ ठुमके लगाते दिखे इश्कबाज मुखिया; देखिए.. वीडियो Bihar News: पटना समेत बिहार के इन शहरों में विकसित होगी सैटेलाइट टाउनशिप, नीतीश सरकार ने बनाया बड़ा प्लान Paper Leak Mastermind: बिहार पुलिस सिपाही पेपर लीक का मास्टरमाइंड राजकिशोर गिरफ्तार, दो साल से था फरार WhatsApp scam: सावधान! WhatsApp का यह फीचर बना साइबर फ्रॉड का जरिया, मिनटों में खाली हो सकता है अकाउंट Bihar News: बिहार में पशुओं को हो रही है यह खतरनाक बीमारी, जानिए... लक्षण और बचाव के उपाय
16-Feb-2022 09:30 PM
By
PATNA: ज्यादा दिन नहीं हुए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को समाजवादी होने का प्रमाणपत्र दिया था. कुछ ही दिनों बाद जेडीयू का समाजवाद सामने आ गया है. उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक रहे जेडीयू ने आज 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की. उसमें 25 हजार के इनामी और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रहे धनंजय सिंह का नाम भी शामिल है. पूर्वांचल में आतंक का पर्याय माने जाने वाले धनंजय सिंह पर स्कूल में पढ़ने के दौरान ही एक टीचर की हत्या का आरोप लगा था. उसके बाद धनंजय सिंह पर दर्ज संगीन मुकदमों की फेहरिश्त बहुत लंबी है.
एलान से पहले ही धनंजय सिंह का नामांकन
जेडीयू ने औपचारिक तौर पर जब यूपी चुनाव में अपने 17 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की उससे पहले धनंजय सिंह ने अपना नामांकन भी कर दिया था. जमानत पर बाहर आये बाहुबली धनंजय सिंह ने बुधवार को अपना पर्चा दाखिल किया. धनजय सिंह को उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट से जेडीयू का उम्मीदवार बनाया गया है. धनंजय सिंह के नामांकन के दौरान एक और बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह भी साथ थे. हम आपको बता दें कि जेडीयू ने उत्तर प्रदेश में अब तक 37 उम्मीदवार उतारे हैं जिसमें से एक बाहुबली धनंजय सिंह भी है.
धनंजय के खिलाफ आरोपों की लंबी फेहरिश्त
हम आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने धनंजय सिंह का एक वीडियो ट्विट किया था. अखिलेश यादव ने धनंजय का क्रिकेट खेलते हुए वीडियो शेयर किया था और सीएम योगी से पूछा था कि 25 हजार का इनामी मुजरिम मजे से क्रिकेट कैसे खेल रहा है. अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद उत्तर प्रदेश में धनंजय सिंह को लेकर सियासत शुरू हो गयी थी. हालांकि एक दिन पहले ही धनंजय सिंह ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी थी कि उसे सारे मामलों में जमानत मिल गयी है और वह जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहा है.
पूर्वांचल के डॉन माने जाने वाले धनंजय सिंह पर 1990 में महर्षि विद्या मंदिर में हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान ही पूर्व शिक्षक गोविंद उनियाल के मर्डर का आरोप लगा था. हालांकि सबूतों के अभाव में धनंजय सिंह इस केस से रिहा हो गये. इसके बाद धनंजय लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंचे. यहां भी आपराधिक गतिविधियों में इनका नाम सामने आया. धनंजय सिंह पर हत्या, डकैती, लूट, रंगदारी, धमकी समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हुए.
25 हजार का इनामी
धनंजय सिंह पर कई बार हत्या से लेकर दूसरे संगीन आरोप लग चुके हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड ने पूरे सूबे में तूफान मचा दिया था. 6 जनवरी 2021 की शाम विभूतिखंड में मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गयी थी. लखनऊ पुलिस ने जांच में धनंजय सिंह पर इस हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. पुलिस ने धनंजय सिंह को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की लेकिन वह फरार हो गया. इसके बाद पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25000 रुपए का इनाम घोषित किया था. लेकिन बाद में यूपी पुलिस की एसटीएफ़ अपनी ही जांच से पीछे हट गयी. एसटीएफ ने अजित सिंह हत्या कांड की जांच रिपोर्ट में धनंजय सिंह के खिलाफ गैरजमानती धारा हटा दी. लिहाजा धनंजय सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गयी और उसके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया.
वैसे अपराध की दुनिया में बेहद चर्चित धनंजय सिंह का राजनीतिक सफर भी रहा है. धनंजय सिंह ने 2002 में जौनपुरजिले की रारी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लडकर जीत हासिल किया था. इसके बाद 2007 के चुनाव में धनंजय ने जेडीयू के टिकट पर भी जीत हासिल किया था. 2009 में धनंजय सिंह को बीएसपी ने लोकसभा का टिकट दे दिया औऱ वे एमपी का भी चुनाव जीत गये लेकिन 2011 में मायावती ने उन्हें पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसके बाद से धनंजय सिंह की सियासत खत्म मानी जा रही थी लेकिन जेडीयू ने 11 साल बाद फिर धनंजय को चुनाव मैदान में उतार दिया है.