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02-Sep-2020 08:41 PM
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PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टियों में उथल-पुथल शुरू हो गई है. कई नेता एक पार्टी से निकल कर दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपना खेमा बदल लिया है. उन्होंने एनडीए गठबंधन में जाने का एलान कर दिया है. मांझी के इस बयान के बाद उनकी पार्टी के अंदरखाने में बगावत शुरू हो गई है. हम पार्टी के कई नेता मांझी के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं.
पटना में जीतन राम मांझी के प्रेस कांफ्रेस में इस एलान के बाद कि वह एनडीए में जा रहे हैं. उनके ही पार्टी के नेता इस फैसले का विरोध करने लगे. नेताओं के बागी तेवर को देखते हुए मांझी ने भी उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया और उन्हें सीधे पार्टी के बाहर का रास्ता दिखा दिया. मांझी ने जिन्हें पार्टी से बाहर निकाला है, वह कोई आम कार्यकर्ता नहीं बल्कि वैसे नेता हैं, जो लोकसभा चुनाव में पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे.
जीतन राम मांझी ने नालंदा लोकसभा सीट से उम्मीदवार अशोक आज़ाद एवं औरंगाबाद लोकसभा उम्मीदवार उपेन्द्र प्रसाद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिज़वान ने आधिकारिक तौर पर इसका एलान किया कि इन दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, ये दोनों अब हम पार्टी में नहीं हैं.
दानिश रिज़वान ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कहने पर ही लोकसभा चुनाव में हम पार्टी ने दोनों को टिकट दिया था. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि दोनों नेता पार्टी में लालू प्रसाद यादव के एजेंट की भूमिका में थे. ये भी ख़बरें सामने आईं कि एनडीए में मांझी के जाने के एलान के बाद उपेंद्र प्रसाद राजद के संपर्क में थे.