ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार में बाघ का कहर: 65 साल की बुजुर्ग महिला को जिंदा चबा गया बाघ, परिजनों को मिला सिर्फ पैर का हिस्सा BIHAR ELECTION : लालू यादव की चादरपोशी से गरमाई बिहार की सियासत, जदयू-भाजपा ने लगाया यह आरोप Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग से पहले उम्मीदवारों का एलान, JDU के बाद अब BJP ने भी इस सीट से कैंडिडेट की घोषणा की Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग से पहले उम्मीदवारों का एलान, JDU के बाद अब BJP ने भी इस सीट से कैंडिडेट की घोषणा की Teacher Vaccancy: शिक्षक बनने का सपना होगा पूरा ! 1180 पोस्ट पर आई वैकेंसी, बिना एग्जाम मिलेगा जॉब; जानिए तरीका MURDER IN LOVE AFFAIR : इश्क का खौफनाक अंजाम ! 6 दिन से लापता प्रेमी-प्रेमिका का 6 टुकड़ों में मिला शव, दोस्त भी हुआ गायब Life Style: डायबिटीज में कौन सी शुगर सही? जानें.. ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर और अन्य विकल्पों की सच्चाई Life Style: डायबिटीज में कौन सी शुगर सही? जानें.. ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर और अन्य विकल्पों की सच्चाई Ration Card New Rules: बदल गए राशन कार्ड के नियम, अब इन लोगों को मिलेगा विशेष लाभ; पढ़ लें... पूरी खबर Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में इन बातों का रखें खास ध्यान, भूलकर भी न करें ये काम, जानें... पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मंत्री के बयान को लेकर JDU में घमासान! पार्टी के नेता ने ही खोल दिया मोर्चा, अशोक चौधरी को बताया RJD का रंगा सियार

मंत्री के बयान को लेकर JDU में घमासान! पार्टी के नेता ने ही खोल दिया मोर्चा, अशोक चौधरी को बताया RJD का रंगा सियार

30-Aug-2024 06:22 PM

By First Bihar

PATNA: भूमिहार जाति को टारगेट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा दिए गए बयान पर जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है और मंत्री अशोक चौधरी को आरजेडी का रंगा सियार करार दे दिया है।


जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा कहा कि अशोक चौधरी का आरोप है कि जहानाबाद में भूमिहार जाति के लोगों ने जेडीयू प्रत्याशी को वोट नहीं दिया, जो पूरी तरह से निराधार है। नीतीश कुमार के सपनों के ठीक विपरीत मंत्री अशोक चौधरी बिहार को जाति में बांटने का काम रहे हैं। उनके बयान से भूमिहार जाति आहत हुआ है। 


उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी कहते हैं कि नीतीश शासन के पहले बिहार में 185 नरसंहार हुए लेकिन सच्चाई यह भी है कि जिस समय नरसंहारों का दौर चल रहा था उस समय अशोक चौधरी जंगलराज के राजा के साथ गोद में बैठकर मलाई खा रहे थे। सनद रहे की अशोक चौधरी उसी जंगलराज के हुंडार और सियार रहे हैं और आज जंगलराज- जंगलराज चिल्लाकर जनता को बरगलाने में जुटे हैं।


जेडीयू नेता ने कहा कि अशोक चौधरी एक महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं। वे हमेशा से जाति की राजनीति करते रहे हैं जबकि उन्हें पता होना चाहिए कि भूमिहारों का क्या अस्तित्व है।  भूमिहार कभी जात-पात करने वाला नहीं रहा है। यह भूमिहार लोगों का संस्कार में ही नहीं है। भूमिहार समाज के एक से एक महान विभूति पैदा हुए जिन्होंने जाति-पाति को मिटाने के लिए हर संभव है बलिदान देने का काम किया। चाहे श्री कृष्णा बाबू हो जो दलितों को देवघर मंदिर में प्रवेश करने के लिए अपना हाथ तक तुड़वा लिए। वहीं स्वामी सहजानंद सरस्वती जो इसी समाज से आते थे लेकिन भूमिहार जाति के जमींदारों के खिलाफ मुहिम चलाया। 


उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी कहते हैं कि हम नीतीश कुमार के सिपाही हैं। अगर वह नीतीश के सच्ची सिपाही होते तो जातीय उन्माद फैलाने का काम नहीं करते। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी जाति की राजनीति नहीं की लेकिन अशोक चौधरी आज नीतीश कुमार के सिद्धांत और उसूल के खिलाफ समाज में जातीय उन्माद फैलाने में जुटे हैं। नीतीश कुमार जब 2005 से मुख्यमंत्री बने उन्होंने बिहार से जात-पात पूरी तरीके से समाप्त किया लेकिन अशोक चौधरी अब भूमिहारों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर जाति की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।


जेडीयू नेता ने अशोक चौधरी से पूछा है कि, वे बताएं कि लोकसभा चुनाव में प्रभारी तो वे खुद ही थे। उनको बताना चाहिए कि जिन गांवों में गए वहां क्यों नहीं अति पिछड़ा और दलित समाज के मतदाताओं ने जदयू को वोट दिया, इसके जिम्मेदार कौन हैं? किन किन गांवों में अशोक चौधरी वोट दिलाने में सफल रहे, उन्हें अपना डेटा देना चाहिए। चुनाव के समय भी अशोक चौधरी के ऐसे ही उलजुलुल बयानों के कारण ही जदयू से मतदाताओं का मोहभंग हुआ। उनके वक्तव्य के कारण ही 70 फीसदी मतदाता जदयू से दूर हुए और NDA उम्मीदवार चन्द्रवंशी की हार हुई। चुनाव में हार जीत होते रहता है उसकी समीक्षा निष्पक्षता से होना चाहिए लेकिन ये महाशय तो एक जाति के खिलाफ विष वमन कर सामाजिक सद्भाव को ही बिगाड़ना चाह रहे हैं। इस पर पार्टी को लगाम लगाना चाहिए। पता लगाया जाना चाहिए की अगले विधानसभा चुनाव के लिए अशोक चौधरी लालू यादव के लिए तो काम नहीं कर रहे, इसकी जांच को जरूरत है।


गोपाल ने कहा कि जहानाबाद ही नहीं बल्कि पूरे मगध में भूमिहारों ने समाज को जोड़ने का काम किया। सवर्ण हों  या अतिपिछडे अथवा दलित सबके लिए भूमिहार हमेशा उनके साथ रहे। नरसंहार से उस दौर में सभी जातियां प्रभावित रही तो उनका नेतृत्त्व भूमिहार ने किया। ऐसे समाज को अपनी महत्वाकांक्षी राजनीति के लिए अशोक चौधरी ने अपमानित करने वाला बयान दिया है, इससे भूमिहार आहत हैं। 


लोकसभा चुनाव में भूमिहार जाति के लोगों के साथ नहीं देने के अशोक चौधरी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गोपाल ने कहा कि एनडीए के तमाम बड़े नेता जहानाबाद में प्रचार करने गये। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी, जदयू के शीर्ष नेता ललन सिंह, एमएलसी नीरज कुमार, भोला बाबू सबने जदयू प्रत्याशी के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया लेकिन अब अशोक चौधरी बताएं कि वे एनडीए के किस भूमिहार नेता को टारगेट करने के लिए भूमिहारों पर आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। आखिर कौन भूमिहार नेता अशोक चौधरी के निशाने पर हैं।


गोपाल ने कहा कि अशोक चौधरी दल-बदलू रहे हैं। वे कांग्रेस से जदयू में आए लेकिन नीतीश कुमार के सिद्धांत को नहीं अपना पाए। नेचर और सिग्नेचर कभी नहीं बदलता है। यह अशोक चौधरी ने भूमिहारों पर बोलकर साबित कर दिया। वे पहले भी जिस दल में थे वहां गद्दारी किया और अब फिर से जदयू में आए हैं तो यहां भी अपनी महत्वाकांक्षा में नेतृत्व को खुश करने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी जाति को अपमानित करने वाले बयान से नीतीश कुमार खुश नहीं होते हैं बल्कि नाराज होते हैं। अशोक चौधरी को अपने आपत्तिजनक बयान के लिए माफी मांगना चाहिए। उनके इस बयान से और उनके क्रिया कलाप से आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए को नुकसान हो सकता हैं, इसलिए समय रहते इनके बोल वचन में सुधार करवाया जाए।