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12-Sep-2025 02:25 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Crime News: प्रतिबंधित आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व बिहार प्रमुख महबूब आलम नदवी को एनआईए की टीम ने किशनगंज से गिरफ्तार कर लिया है। वह 2022 में फुलवारी शरीफ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप का भंडाफोड़ होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए ओमान फरार हो गया था, जहां वह दो वर्षों तक आईएसआईएस और बोको हराम के गढ़ में रहा।
मार्च 2025 में नदवी ओमान से लौटने के बाद किशनगंज के हलीम चौक और मोहउद्दीनपुर में छिपकर रहने लगा था। वह यहां एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। गुरुवार को एनआईए और बिहार पुलिस की संयुक्त छापेमारी में उसे हलीम चौक से गिरफ्तार कर लिया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी के पूर्णिया दौरे से ठीक 100 घंटे पहले हुई इस गिरफ्तारी से केंद्रीय एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ गई है। एनआईए महबूब नदवी से गहन पूछताछ कर रही है, जिससे आतंकवादी नेटवर्क और योजनाओं से जुड़ी अहम जानकारियाँ मिलने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि 12 सितंबर 2022 को पटना के फुलवारी शरीफ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप का पर्दाफाश हुआ था। छापेमारी के दौरान पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा जेहादी दस्ते तैयार किए जाने से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने PFI और उससे जुड़े संगठनों पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया था।
जांच में यह भी सामने आया कि पीएफआई ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र विशेषकर किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, मधेपुरा और कटिहार में अपनी गहरी जड़ें जमा ली थीं। संगठन ने बिहार को 5 जोन में बांटकर नेटवर्क खड़ा किया था। महबूब आलम नदवी, जो कटिहार के हसनगंज प्रखंड के वंशीटोला का निवासी है, सीमांचल ईस्ट ज़ोन को संभालता था। वहीं, मुंगेर निवासी सादिक आलम, सीमांचल वेस्ट ज़ोन में सक्रिय था।
PFI का बिहार प्रमुख रह चुका 39 वर्षीय महबूब नदवी, 2016–17 में संगठन का प्रमुख था। उस पर कट्टरपंथी और आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के गंभीर आरोप हैं। एनआईए उसकी गतिविधियों से जुड़े राज उजागर करने के लिए पूछताछ कर रही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे जुड़े साजिशों और नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है।