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15-Dec-2024 04:00 PM
By First Bihar
हिंदू धर्म में पौष माह को एक विशेष महत्व प्राप्त है, जिसे भगवान विष्णु, सूर्य देव और पितरों को समर्पित किया जाता है। यह माह धार्मिक कार्यों, उपासना और व्रतों के लिए प्रमुख माना जाता है। इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है और यह 13 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान कई व्रत और पर्व मनाए जाएंगे, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। आइए, जानते हैं इस सप्ताह यानी 16 दिसंबर से 22 दिसंबर तक मनाए जाने वाले प्रमुख व्रतों और त्योहारों के बारे में।
1. अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2024
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पौष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि सभी संकटों से मुक्ति मिल सके और जीवन में सुख-शांति बनी रहे। इस बार, चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 दिसंबर को सुबह 10:43 बजे से होगी और समापन 19 दिसंबर को सुबह 10:02 बजे होगा। अतः अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर को किया जाएगा।
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:21 बजे से 06:16 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:27 बजे से 05:54 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 11:53 बजे से रात 12:48 बजे तक
2. मासिक जन्माष्टमी 2024
पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है, ताकि भक्तों को उनके आशीर्वाद प्राप्त हो और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और प्रेम आए। इस बार, मासिक जन्माष्टमी 22 दिसंबर को मनाई जाएगी, जब अष्टमी तिथि की शुरुआत दोपहर 02:31 बजे होगी और समापन 23 दिसंबर को दोपहर 05:07 बजे होगा।
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:21 बजे से 06:16 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:27 बजे से 05:54 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से 12:41 बजे तक
3. भानु सप्तमी और कालाष्टमी 2024
22 दिसंबर को ही भानु सप्तमी और कालाष्टमी का पर्व भी मनाया जाएगा। भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है, ताकि जीवन में ऊर्जा और समृद्धि का संचार हो सके। वहीं, कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा की जाती है, जिससे भय और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:21 बजे से 06:16 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:27 बजे से 05:54 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 11:53 बजे से रात 12:48 बजे तक
पौष माह में भगवान विष्णु, सूर्य देव और पितरों की उपासना का विशेष महत्व है। इस माह में किए गए व्रत और पूजा से भक्तों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस सप्ताह अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, मासिक जन्माष्टमी, भानु सप्तमी और कालाष्टमी जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं।