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04-Oct-2023 10:29 AM
By First Bihar
DELHI : रेलने में नौकरी देने के बदले जमीन लिखनाने के मामले में आज यानी बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए तेजस्वी यादव और लालू - राबड़ी समेत सभी लागों को जमानत दे दी है। इन लोगों को 50,000 के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दी गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। इससे पहले सीबीआई की चार्जशीट पर पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कुल 17 आरोपियों को समन जारी कर 4 अक्टूबर को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा था।
वहीं, इससे पहले दिल्ली पहुंचने पर लालू यादव ने कहा था कि- सुनवाई होती रहती हैं . हमने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे हमें डरना पड़े। जबकि तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी जी के राज में जो सच बोलेगा उसके ऊपर तो कार्रवाई होती ही है . ये एजेंसियों और पुलिस का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे पहले CBI ने जमानत का विरोध कर हुए कहा था कि सभी आरोपी बड़े पद पर हैं। ये केस को प्रभावित कर सकते हैं। जबकि कोर्ट ने कहा कि हमें ऐसा कुछ नहीं लगता।
दरअसल, तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद पर आरोप है कि रेलमंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले अपने और अपने परिवार के नाम पर लोगों से उनकी जमीनें और फ्लैट रजिस्ट्री कराए थे। इस मामले में बीते 12 सितंबर को लालू प्रसाद यादव पर केस चलाने की इजाजत गृह मंत्रालय ने दे दी है। वहीं इस केस में तेजस्वी के खिलाफ दायर चार्जशीट को भी कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। इसके बाद अब इनलोगों को जमानत दे दी गई है।
मालूम हो कि, सीबीआई ने पहली बार बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया है। इससे पहले इस केस में तेजस्वी का नाम नहीं था। इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और मीसा भारती पहले ही बेल ले चुके थे। अब कोर्ट ने तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर निर्णय सुनाते हुए तेजस्वी को जमानत दे दी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी 17 आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था और कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया था।
आपको बताते चलें कि, लैंड फॉर जॉब स्कैम का मामला तब का है जब लालू यादव देश के रेलमंत्री थे।उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले बेशकीमती जमीन या तो उपहार स्वरूप या बेहद कम कीमतों मे ली. वहीं इस मामले में आरोप है कि इन जमीनों को लालू यादव ने अपने परिवार के नाम भी कराया।