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02-Oct-2023 04:40 PM
By First Bihar
NALANDA: बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर जातीय गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने बिहार सरकार द्वारा जारी जातीय जनगणना का डेटा पर चुटकी लेते हुए कहा कि आज पूज्य महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। इस दिन नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना का आंकड़ा पेश किया है। इससे क्या होगा?
सभी लोग जानते है। बिहार में अतिपिछड़ा की आबादी सबसे ज्यादा है जो सामने निकलकर आया है। इसलिए राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चाहिये की वो अपना प्रदेश अध्यक्ष को बदल दें। नीतीश कुमार को लगता था कि जातीय जनगणना से जितनी भी बुराई है सब दूर हो जाएगा। इस जातीय जनगणना से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। बिहार में रोजगार की जरूरत हैं। जबतक युवक और युवती को रोजगार नहीं मिलेगी तब तक कोई भी गणना से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
नालंदा में भाजपा के कार्यकर्ता को गोली मारे जाने पर कहा कि बिहार में अब कोई कानून का राज नहीं है जबसे राजद के साथ गठबंधन हुआ है तब से अपराधी खुलेआम सड़क पर पिस्तौल लेकर घूम रहे हैं और लोगो को गोली मार रहे हैं। बिहार में अपराधियों का मनोबल इस महागठबंधन में काफी बढ़ गया है। 500 करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ इस आंकड़ों को लेकर बिहार की जनता क्या करेगी। आरसीपी सिंह ने कहा कि सबसे बड़ी आबादी अतिपिछड़ा समाज की है आरजेडी को सबसे पहले अपने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को बदल लेना चाहिए। बिहार में कोई राजनीतिक समीकरण नहीं होगा। आरसीपी ने कहा कि बिहार में मूल समस्या गरीबी और बेरोजगारी है इस पर काम क्यों नहीं हो रहा है। जातीय गणना से किसकों क्या फायदा मिलेगा यह देखने वाली बात होगी।