ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में विकास की हकीकत! घुटने भर पानी में पुलिस; लॉकअप से लेकर वायरलेस रूम तक जलजमाव BIHAR NEWS : बेगूसराय होमगार्ड झड़प: बड़ी बलिया कैंपस में दो गुट भिड़े, दर्जनभर घायल, एंबुलेंस पर भी हमला Bihar Politics: अनंत सिंह को लेकर आज होगा बड़ा फैसला, NDA के कार्यक्रम में मिलेंगे नए संकेत; इन्हें लग सकता है झटका Bihar News: पूर्णिया को मिली बड़ी सौगात, इस रुट से शुरु हुई नई वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें... कहां-कहां होगा ठहराव? BIHAR NEWS : BIHAR NEWS : दारोगा मर्डर केस मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, 18 लोगों को मिली यह सजा; शराब तस्करों से हाथापाई में गई थी जान Bihar News: बिहार में इस रेल लाइन पर जल्द दौड़ेगी ट्रेनें, 20 सितंबर को निरीक्षण Bihar police transfer : पुलिस विभाग का बड़ा फेरबदल, कई थानों में नए थानाध्यक्षों की नियुक्ति Bihar Politics: राजद का नया चुनावी दांव, युवाओं पर फोकस, कट सकते हैं कई उम्रदराज नेताओं के टिकट ! Bihar Crime News: बिहार में युवती की गला रेतकर हत्या, माँ घायल.. Success Story: कम हाइट और ऊंचे हौसले! पहली कोशिश में UPSC पास कर बनीं IAS अधिकारी, जानिए... आरती डोगरा की प्रेरक कहानी

‘जातीय गणना के आंकड़ों पर लोगों को संदेह.. समीक्षा कराएं नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

‘जातीय गणना के आंकड़ों पर लोगों को संदेह.. समीक्षा कराएं नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

06-Oct-2023 07:16 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सत्ता से जुड़ी चुनिंदा जातियों को छोड़ कर लगभग सभी जातियों के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 


सुशील मोदी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और जदयू के एक सांसद सहित अनेक लोग जब सर्वे के आंकड़ों को विश्वसनीय नहीं मान रहे हैं, तब सर्वे प्रक्रिया की समीक्षा करायी जानी चाहिए। बिहार में जातीय गणना कराने के सरकार के नीतिगत निर्णय पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब कानूनी रूप से सर्वे को लेकर कोई कानूनी मुद्दा नहीं है।  


उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ सर्वे की विश्वसनीयता जनता का मुद्दा बन गया है। ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि  प्रगणकों ने अनेक इलाकों के आंकड़े घर बैठे तैयार कर लिए। वैश्य, निषाद जैसी कुछ जातियों के आंकड़े 8-10 उपजातियों में तोड़ कर दिखाये गए, ताकि उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास नहीं हो। यह किसके इशारे पर हुआ ?


सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में वैश्य समाज की आबादी 9.5 फीसद से अधिक है, लेकिन यह सर्वे में दर्ज नहीं हुआ। जिस जाति-धर्म के लोग वर्तमान सत्ता के साथ हैं, उनकी संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के लिए उपजातियों के आंकड़े छिपाये गए। जातीय सर्वे पर जो सवाल उठ रहे हैं, उनका उत्तर राज्य सरकार को देना चाहिए, पार्टी प्रवक्ताओं को नहीं।