HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज Patna Crime News: पटना में अपराधियों का तांडव, तिलक से लौट रहे शख्स की गोली मारकर ले ली जान
08-Apr-2024 08:54 PM
By First Bihar
PATNA: शादी से पहले या शादी के बाद अगर कोई व्यक्ति पत्नी या ससुराल वालों से पैसे की मांग करता है तो वह दहेज की श्रेणी में आता है. दहेज की मांग करने वालों के लिए कानून में सजा का प्रावधान है. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने दहेज से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया.
पटना हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि पति अपने नवजात बच्चे के पालन-पोषण और भरण-पोषण के लिए पत्नी के पैतृक घर से पैसे की मांग करता है, तो ऐसी मांग दहेज निषेध अधिनियम-1961 के अनुसार दहेज की परिभाषा के दायरे में नहीं आती है.
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस बिबेक चौधरी की बेंच नरेश पंडित नामक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद ये फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता नरेश पंडित को निचली अदालत ने दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा चार और आइपीसी की धारा 498ए के तहत दोषी माना था और उसे सजा सुनायी थी. नरेश पंडित ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
बच्चे के भरण-पोषण के लिए मांगा था पैसा
नरेश पंडित की शादी सृजन देवी नाम की महिला के साथ 1994 में हिंदू रीति-रिवाजों से हुआ था. शादी के उन्हें तीन बच्चे हुए- दो लड़के और एक लड़की. सबसे छोटी लड़की थी, जिसका साल 2001 में हुआ था. 2004 में सृजन देवी ने अपने पति नरेश पंडित के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि बेटी के जन्म के तीन साल बाद नरेश पंडित और उसके रिश्तेदारों ने लड़की की देखभाल और भरण-पोषण के लिए सृजन देवी के पिता से 10 हजार रुपये की मांग की थी. यह भी आरोप लगाया गया कि नरेश पंडित और उसके पारिवार के सदस्यों ने 10 हजार नहीं मिलने पर पत्नी को प्रताड़ित किया.
हाईकोर्ट में पति नरेश पंडित के वकील ने दलील दी कि पति और परिवार के दूसरे आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ पत्नी की ओर से लगाए गए आरोप सामान्य और सर्वव्यापी प्रकृति के हैं और इसलिए उनकी सजा का आदेश रद्द किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट की बेंच ने निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा के फैसले को रद कर दिया और पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया.