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17-Mar-2022 08:45 AM
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DESK : आज पुरे देशभर में होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन का विशेष महत्व है. और इसके लिए सार्वजनिक स्थानों पर होलिका रखी गई है. ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन अगर होलिका दहन की पूजा की जाती है, तो होलिका की आग में सभी दुख जलकर खत्म हो जाते हैं. इसके लिए होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त साथ ही सही पूजन विधि के बारे में जानना बेहद जरूरी है.
सबसे पहले आपको ये बता दें कि होलिका दहन का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है, मान्यता है कि भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रहलाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप ने होलिका की गोद में बैठाकर जिंदा जलाने की कोशिश की थी. जानकरी हो कि होलिका प्रहलाद की बुआ थी. अपने भतीजे प्रह्लाल को बुआ होलिका गोद में बैठाई तो लेकिन इस दौरान होलिका खुद ही जल कर खत्म हो गई थी. इसके बाद से ही होलिका दहन के अगले दिन होली खेलने की परंपरा चली आ रही है.
आपको बता दें होलिका दहन के दौरान पूजा भी करनी चाहिए. इतना ही नहीं, पूजा करने से पहले होलिका दहन स्थल से पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. पूजा सामग्री में तांबे के एक लोटे में जल के साथ रोली, चावल, गंध, फूल, कच्चा सूत, बताशे-गुड़, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल और माला जरूर हो. इसके बाद होलिका में गोबर से बने खिलौने और माला भी रखें. बता दें पूजा के दौरान मनभटकाव नहीं होना चाहिए. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात में 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगा. ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए सिर्फ 1 घंटे 10 मिनट का ही समय ही है.